प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत कहता है कि किसी व्यक्ति को एक जुर्म की सजा एक बार ही दी जा सकती है। देश का संविधान भी इसी बात को दोहराता है कि एक व्यक्ति को एक अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती। लेकिन, जिले में एक सरकारी शिक्षक को एक ही अपराध के लिए दो बार सजा दे दी गयी। दोनों बार DEO ने ही उसे सजा दी। पहले उसे चेतावनी(सरकारी कार्यप्रणाली में यह सजा मानी जाती है) दी गयी। इसके 8 दिन बाद उसी अपराध के लिए सजा के तौर पर उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गयी।
पहले पूरा मामला जान लीजिए
गोपाल मिश्रा शहर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। वर्ष 2017 में उनकी एक शिकायत की गई। इसमे कहा गया कि वह क्लास में पढ़ाने की जगह गाने गाते हैं। तत्कालीन DEO ने इसकी जांच कराई। जांच में वह निर्दोष पाए गए। इसके बाद नवंबर 2021 में इसी मामले की एक बार फिर शिकायत कराई गयी। एक ऐसी बच्ची के नाम से दोबारा शिकायत कराई गई, जो उस स्कूल में कभी पढ़ी ही नहीं। समय सीमा बैठक में इस शिकायत को लिया गया।
कलेक्टर के निर्देश पर DEO ने दो लोगों की जांच समिति बनाई। इस समिति ने जांच कर DEO को यह प्रतिवेदन दिया कि उनके खिलाफ ऐसा कुछ नहीं मिला, इसलिए केवल चेतावनी जारी कर दी जाए। हालांकि, DEO इस प्रतिवेदन से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने महिला बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी डीएस जादौन को इस मामले की जांच सौंपी। उन्होंने स्कूल पहुंचकर स्टाफ और छात्राओं से बात की। इसके बाद प्रतिवेदन DEO को सौंप दिया।
DEO ने दे दी दो सजाएं
प्रतिवेदन मिलने के बाद DEO ने इस मामले में कार्यवाई की। 20 अक्टूबर को उन्होंने सहायक शिक्षक गोपाल मिश्रा को सजा सुनाते हुए चेतावनी दी। अपने पत्र में DEO ने लिखा कि “स्कूल की भूतपूर्व छात्राओं द्वारा अवगत कराया गया है कि आप कक्षा में पढ़ाते नहीं थे एवं गाना गाते रहते थे। आपका यह कृत्य कदाचार की श्रेणी में आता है। अतः आपको चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में कक्षा में पढ़ाते समय इस प्रकार का कृत्य न करें।”
चेतावनी की सजा देने के 8 दिन बार फिर इसी मामले में DEO ने सजा दे दी। इस बार सजा के तौर पर उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गयी। 28 अक्टूबर को DEO ने अपने आदेश में लिखा कि “जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला गुना के जांच प्रतिवेदन अनुसार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैन्ट की भूतपूर्व छात्राओं द्वारा अवगत कराया गया कि गोपाल मिश्रा, सहायक शिक्षक कक्षा में पढ़ाते नहीं थे। गाना गाते रहते थे। यह कृत्य म.प्र. सिविल सेवा कदाचार की श्रेणी में आता है। अतः संबंधित गोपाल मिश्रा की एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाती है।”
खबर के संबंध में GK
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 (2) के अंतर्गत डबल जोपारडी(Principal of Double Jeopardy) का उल्लेख किया गया है, अर्थात एकव्यक्ति को एक अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती।इसलिए किसी अपराधी को एक अपराध के लिए दो बार सजा देने का प्रावधान नहीं है। कानून के मुताबिक एक अपराध के लिए अगर मुकदमा चलायाजा चुका है या फिर किसी को दोषी ठहराया जा चुका है तो उसपर उसी अपराध के लिए दुबारा मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। यदि किसी व्यक्ति पर एक मामले में दुबारा मुकदमा चलाया जाता है अथवा सजा दी जाती है तो यह असंवैधानिक होगा।