इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनका देश उन सभी पर कार्रवाई करता है जो कानून तोड़ते हैं। उनका यह बयान तब सामने आया है, जब बाइडन प्रशासन ने वेस्ट बैंक में बसने वाले उन यहूदियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जो फलस्तीनियों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों में शामिल रहते हैं।
नेतन्याहू ने कहा, यहूदिया और सामरिया क्षेत्र के ज्यादातर लोग कानून का पालन करते हैं, जिनमें कई अभी इस्राइल की रक्षा के लिए सिपाही के रूप में लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्राइल उन सभी यहूदियों के खिलाफ कार्रवाई करता है, जो कानून तोड़ते हैं। इसलिए, हर जगह के लिए प्रतिबंध लगाना गैरजरूरी है।
अपने बयान में राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था, मुझे लगता है वेस्ट बैंक की स्थिति असहनीय स्थिति तक पहुंच गई है। खासतौर पर वेस्ट बैंक में फलस्तीनियों के खिलाफ हिंसा, लोगों का गांवों से जबरन विस्थापन और संपत्ति का नुकसान उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह वेस्ट बैंक और गाजा, इस्राइल और पश्चिम एशिया की शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है।
बाइडन ने आगे कहा, इस तरह की कार्रवाइयां अमेरिका की विदेश नीति के मकसदों को कमजोर करती हैं। जिसमें द्वि-राष्ट्र समाधान की व्यवहार्यता और इस्राइल व फलस्तीनियों की सुरक्षा, समृद्धि और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वे (वेस्ट बैंक में हिंसा और कब्जा करने की गतिविधियों में शामिल यहूदी) इस्राइल की सुरक्षा को कमजोर करते हैं और पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा करने की क्षमता रखते हैं। जिससे अमेरिका के कर्मियों और हितों को भी खतरा पैदा होता है। ये कृत्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए भी एक असामान्य और असाधारण खतरा पैदा करते हैं।
युद्ध शुरू होने के बाद से 3,000 लोग गिरफ्तार
इस बीच, इस्राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने बताया है कि गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से उसके मध्य कमान के बलों ने आतंकवादी गतिविधियों के शक में करीब तीन हजार वांछित लोगों को गिरफ्तार किया है। आईडीएफ की मध्य कमान यहूदिया और सामरिया क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इसलिए, गाजा पट्टी के बाहर से 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।