पिछले तीन दिनों से मौसम का कहर किसानों पर आफत बनकर टूट रहा है। अब किसान फिर परेशान होने लगा है। बारिश और ओले के कारण किसानों की फसल खराब हो गई है। अब ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के आधार पर किसानों को नुकसान की भरपाई की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों को राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों का संयुक्त दल बनाकर सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन दिन से प्रदेश में कई स्थानों पर ओलावृष्टि होने की सूचना प्राप्त हुई है। इससे गेहूं, चना, अरहर और सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई हैं। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को सहायता पहुंचाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा है कि नुकसान के आकलन के आधार पर राजस्व परिपत्र पुस्तक और फसल बीमा के अनुसार सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ है।
प्रदेश के भोपाल, उज्जैन, सागर और ग्वालियर संभाग के कुछ जिलों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होने की खबर है। इससे मूंग, मसूर, चना, सरसों, आलू, टमाटर समेत अन्य बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आंकलन करने के बाद रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
भोपाल,ग्वालिर,उज्जैन मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, गुना, राजगढ़, दतिया सहित कुछ अन्य जिलों में ओलावृष्टि और अतिवृष्टि की वजह से किसान को नुकसान हुआ है। मंदसौर में नाराज किसानों ने चक्काजाम किया तो राजस्व के अमले ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। मगर कुछ स्थानों पर अभी भी सर्वे का किसान इंतजार कर रहे हैं।
कृषि विभाग के मुताबिक गुना, विदिशा, राजगढ़ के अलावा ग्वालियर व उज्जैन संभाग के कुछ जिलों में ओलावृष्टि की वजह से गेहूं और चना की फसल प्रभावित हुई है। विदिशा में फसल को अधिक नुकसान होने की जानकारी आई है। भोपाल जिले में तेज हवा के साथ बारिश होने से कुछ इलाकों में खेत में फसल बिछ गई।
फसल बीमा योजना का लाभ देने के निर्देश
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि ओलावृष्टि के दूसरे ही दिन राजगढ़ प्रशासन ने फसल बीमा के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। राजगढ़ कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर से 6 जनवरी की रात ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के संबंध में टीम बनाकर दावा राशि उपलब्ध कराने की रिपोर्ट प्रस्तुत कर 7 जनवरी को ही अधिसूचना जारी कर दी गयी थी।
नुकसान का सही आकलन करें
पटेल ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों की फसलों को हुए नुकसान का आंकलन ठीक से हो। हर किसान को संतुष्ट करें। किसानों को आश्वासन दिया गया कि उन्हें नुकसान का मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार किसानों के साथ है। उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बीमा कंपनियों को मुआवजे के लिए भी निर्देश दिए हैं।
उज्जैन में लहसुन की फसल चौपट
उज्जैन में पहले रुक-रुककर बारिश शुरू हुई फिर कुछ देर बाद बूंदाबांदी का दौर दिन भर लगा रहा, लेकिन तेज बारिश होने से किसानों की फसलों को नुकसान झेलना पड़ा। कई जगह पर लहसुन की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है।
नीमच में अफीम की फसल को नुकसान
नीमच में मावठ के बारिश से रबी की फसलों में फायदा मिला है, तो वहीं ओलावृष्टि से अफीम की फसल में नुकसान हुआ है। ऐसे में अफीम काश्तकारों को डर है कि उनकी मेहनत ना बर्बाद हो जाए। इस स्थिति में अब किसान अपनी फसल को अफीम के उत्पादन से पहले ही काट कर नारकोटिस विभाग को सौंपने के लिए आवेदन देने की तैयारी में हैं। चीरा लगाकर जो अफीम औसत तय की जाती है, उसे नारकोटिस में जमा करानी होती है, जिसके बाद ही आगे पट्टे जारी किए जाते हैं।
खेत में जम गई बर्फ की परत
रतलाम में भी ओलावृष्टि के कारण फसलों में नुकसान हुआ है। जिले के बांगरोद, धौंसवास, कलोरी, सेमलिया और नेगड़दा सहित अन्य गांवों में गेहूं, चना ,मटर, लहसुन और मैथी की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। किसानों के अनुसार रात में करीब नींबू के आकार के ओले गिरे थे। सुबह जब किसान फसल का नुकसान देखने खेतों पर पहुंचे तो अधिकांश फसल चौपट हो गई। खेतों में बर्फ की परत जमी हुई थी। मटर, लहसुन और मैथी की फसल में ज्यादा नुकसान हुआ है।