विवाह की शहनाइयां शनिवार से फिर गूंजेंगी। ज्योतिषियों के अनुसार जनवरी और फरवरी में खास मुहूर्तों में विवाह होंगे, इसके बाद गुरु अस्त होने और मीन संक्रांति के कारण दो महीने विवाह पर रोक लगेगी। 15 अप्रैल से 9 जुलाई तक फिर विवाह की धूम रहेगी। 10 जुलाई से चातुर्मास शुरू होने से 4 नवंबर तक विवाह पर रोक रहेगी।
मलमास के बाद विवाह का सीजन फिर शनिवार से शुरू हो रहा है। लेकिन जनवरी और फरवरी के 28 दिनों में विवाह के लिए केवल 6 खास मुहूर्त ही हैं। इन मुहूर्तों के अलावा वसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त में भी शहनाई गूंजेगी। नवंबर-दिसंबर के सीजन में बड़ी संख्या में विवाह हुए। इससे बाजारों में छाया कोरोना संक्रमण का सन्नाटा टूटा था। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई थी।
व्यापारियों के चेहरे भी खिल गए थे। बाजार की यह गति हालांकि कोरोना की तीसरी लहर के बावजूद बाजारों में भीड़ कम नहीं हुई है। जनवरी-फरवरी के वैवाहिक सीजन की तैयारियों के कारण खरीदारी का दौर जारी है। 22 जनवरी को विवाह का पहला मुहूर्त है। इस दिन होने वाले विवाहों की प्रारंभिक रस्मे निभाने का क्रम शुरू हो गया है।
गुरुवार-शुक्रवार को शहर में कई जगह माता-पूजन के ढोल-ढमाके और बैंड का शोर गूंजता रहा। होटलों और मैरिज गार्डनों में भी गहमागहमी दिखाई दी। पंचांगकर्ता पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार खास मुहूर्त के अलावा नागरिक अपने बच्चों की पत्रिका के अनुसार भी विवाह के मुहूर्त निकलवाते हैं।
कोरोना के कारण सीमित संख्या में मेहमान की अनुमति
कोरोना संक्रमण के चलते शासन ने विवाह के आयोजनों को सीमित कर दिया है। विवाह के लिए वर-वधु दोनों पक्षों के मिलाकर कुल 250 मेहमानों की मौजूदगी में विवाह की अनुमति दी जाएगी। इसके चलते बड़े विवाह आयोजन करने वाले परिवारों को आयोजन में कटौती करना पड़ी है। विवाह आयोजनों पर कोरोना गाइड लाइन लागू हो जाने से खासकर होटल, गार्डन, केटरिंग, टेंट, बैंड, घोड़ा-बत्ती और विवाह से जुड़े ऐसे व्यवसाय प्रभावित हुए हैं।
केटरर कृष्णा भागवत कहते हैं कि जिन लोगों ने पहले हजार-बारह सौ मेहमानों के लिए भोजन व्यवस्था तय की थी, उन्होंने गाइड लाइन के आधार पर रिसेप्शन करना तय किया है। इससे केटरिंग व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है। टेंट व्यवसायी आशीष मल्होत्रा के अनुसार गाइड लाइन के अनुसार शादियां होने के कारण पूरे वैवाहिक व्यापार पर असर हुआ है। होटल व्यवसाय रवि सोलंकी कहते हैं कि कोरोना का असर है, कई लोगों ने विवाह के आयोजन सीमित किए हैं।