ई-चालान की रही जमा करने के लिए अभी ट्रैफिक थाने जाना पड़ता है। ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद्र जैन कुछ ऐसा इंतजाम करने जा रहे हैं कि नजदीकी चौराहे पर ही चालान के रुपये जमा हो जाए।
लोगों को थाने न आना पड़े। जैन के मुताबिक करीब चौबीस चौराहों पर ये इंतजाम होगा, जहां मौजूद ट्रैफिक एसआई के पास लोग ई-चालान जमा कर सकेंगे। वे लोग जिनके ई-चालान बने हैं, पास के किसी भी चौराहे पर जाकर रसीद कटवा सकते हैं। यह इंतजाम शीघ्र ही किए जाएंगे।
गाड़ी पकड़ी जाने पर पता चलते हैं पुराने चालान
नौलखा चौराहे पर बुधवार को कार एमपी-09 एचडी-4244 ने जब रेड सिग्नल की अनदेखी की तो सूबेदार सुमित बिलोनिया ने ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर से उसका पुराना हिसाब निकलवाया, जिसमें पता चला कि वो यही गलती पहले ग्यारह बार कर चुका है यानी उसके इतने ई-चालान कट चुके हैं। ऐसा किसी भी गाड़ी के साथ हो सकता है, लेकिन लोगों को पता नहीं है। इसका खुलासा तो तब होता है, जब गाड़ी पकड़ी जाती है और पुराने चालान देखे जाते हैं। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि कहीं उनकी गाड़ी पर तो कोई ई-चालान नहीं है, लेकिन लोग ट्रैफिक थाने जाने की जहमत नहीं उठाना चाहते। उनकी मंशा है कि ई-चालान ऑनलाइन कर दिए जाएं, ताकि सभी इसे देख सकें ।
पुरानी गाड़ी खरीदने पर चालान का डर
पुरानी गाड़ी खरीदने वाले लोग इस मामले में काफी संजीदा हो गए हैं। आरटीओ में गाड़ी ट्रांसफर कराने के लिए पहुंचने वाले ज्यादातर लोग अब खुद ही कह रहे हैं कि पहले पुराने ई-चालान देख लो। ऐसा न हो कि बाद में इसके रुपये उन्हें भरना पड़ जाए। एक गलती की सजा पांच सौ रुपये है। यदि किसी गाड़ी का दस बार ई-चालान बना हो तो सीधे पांच हजार रुपये ।
एनओसी मांगने की नहीं हुई शुरुआत
आरटीओ में डीसीपी ट्रैफिक के पत्र मुताबिक एनओसी मांगने की शुरुआत नहीं हुई है, इसलिए जो लोग गाड़ी पर पुराने इ-चालान देखना चाहते हैं, उन्हें एमटीएच कंपाउंड ट्रैफिक थाने के ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर में जाना पड़ता है। डीसीपी ट्रैफिक को लोगों ने सुझाव दिया है कि ई-चालान आनलाइन करते हुए इसे सिटीजन काप या किसी और प्लेटफार्म पर डाल दें, ताकि नंबर डालते ही ई-चालान का ब्यौरा आ जाए। इससे जहां गाड़ी की खरीद-फरोख्त करने वाले नहीं ठगाएंगे, वहीं आम लोग ई-चालान की जानकारी मिलने के बाद ट्रैफिक कायदों को लेकर सावधान रहेंगे। कुछ लोग आदतन नियम-कायदों को तोड़ते रहते हैं, क्योंकि उन्हें ई-चालान का डर नहीं रहता।