भोपाल में बदहाल गोशालाएं, पौने दो साल में सिर्फ 7 महीने का मिला अनुदान

राजधानी की गोशालाओं को लेकर एक नया चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वह यह है कि क्षमता से अधिक गायें गोशालाओं में रखी जा रही हैं। वह भी इसलिए क्योंकि नगर पालिका और नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए यहां वहां से आवारा गायों को पकड़कर सीधे इन गोशालाओं में जाकर छोड़ देते है।

इस दौरान यह भी नहीं देखा जाता कि संबंधित गोशाला में पानी और चारा सहित अन्य व्यवस्थाएं हैं भी या नहीं। यहीं कारण है कि बैरसिया के बसई स्थित गोशाला में 150 की क्षमता होने के बावजूद 487 से अधिक गाएं मौजूद थी, जबकि अनुदान 150 गायों के हिसाब से ही मिलता है।

इधर, अन्य गोशाला संचालकों ने बताया कि पिछले पिछले 21 महीने में उन्हें सिर्फ सात महीने का अनुदान ही मिला है। शेष अनुदान समय पर नहीं मिलने के कारण भी गौ शालाओं में उचित व्यवस्था नहीं हो पाती है। जीवदया गौरक्षण एवं पर्यावरण संवर्धन केंद्र के संचालक अशोक जैन ने बताया कि उन्हें भी सात महीने का ही अनुदान मिला है। ऐसे में उनकी गोशाला की बिजली कट गई है। जबकि उनकी गोशाला में तो 2000 गो वंश को रखा गया है। इस गोशाला में नगर निगम भोपाल की तरफ से आवारा गोवंश को पकड़कर छोड़ दिया जाता है। इसी तरह बसई में नगर पालिका बैरसिया द्वारा गोवंश को छोड़ा जाता है। इसके बाद जिन डाक्टरों के जिम्मे निरीक्षण की जिम्मेदारी थी, वे भी लापरवाही से सिर्फ निरीक्षण कर वापस चले जाते थे। पहले कभी प्रशासन को उन्होंने इस संबंध में सूचना नहीं दी। यहीं कारण है कि यह मामला अब सामने आया है।

पांच एकड़ की गोशाला, 15 एकड़ में कब्जा

भोपाल के बैरसिया के बसई गांव की गौ सेवा भारती गौशाला भले ही सरकारी जमीन पर बनी हो, लेकिन इसके बहाने गौशाला संचालिका निर्मला शांडिल्य ने करीब 10 एकड़ सरकारी जमीन पर भी कब्जा जमा लिया था। पांच एकड़ सरकार की तरफ से आवंटित होने के बाद इस तरह करीब 15 एकड़ में कब्जा कर लिया है। तालाब किनारे की जमीन पर तार फेंसिंग कर बड़ा बाड़ा बना लिया गया है। इस जमीन से अब जिला प्रशासन निर्मला का कब्जा हटाएगी। इसके लिए गायों को दूसरी गौशाला या सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए एसडीएम बैरसिया ने निर्मला को नोटिस जारी किया है, जिसमें गोशाला संबंधी सभी दस्तावेज लेकर उपस्थित होने का आदेश दिया है।

गोशाला संचालिका के बयान दर्ज करने के बाद रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी। इसके बाद कब्जा हटाने के लिए प्रशासन पहले गायों को दूसरी गोशाला या अन्य सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करेगा। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त अतिक्रमण हटाकर इस गोशाला को बंद किया जाएगा।

-आदित्य जैन, एसडीएम, बैरसिया

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