आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शासकीय महाकोशल महाविद्यालय में सामाजिक मुद्दों पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्राचार्य डा.प्रभा पुरवार के मार्गदर्शन में हुआ। मुख्य वक्ता डीन कला संकाय व विभागाध्यक्ष पत्रकारिता विभाग रादुविवि डा. धीरेंद्र पाठक ने समाज में व्याप्त अनेक सामाजिक कुरीतियों व सामाजिक समस्याओं के बारे में अपनी बात रखी।
मुख्य वक्ता ने बाल विवाह व कन्या भ्रूण हत्या जैसी समस्याओं के दुष्परिणाम व युवा पीढ़ी से इसके विरुद्ध जनमानस कैसे तैयार किया जाए इसकी जानकारी दी। साथ ही विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपनी प्रतिभा को पहचाने व समाज व देश के विकास में अपना योगदान दें।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. आरके गुप्ता विभागाध्यक्ष वाणिज्य और प्रो. अरुण शुक्ल संभागीय नोडल अधिकारी स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना उपस्थित रहे। एमए चतुर्थ सेमेस्टर समाजशास्त्र की छात्रा अस्मिता नायक ने दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या, अवंतिका तिवारी ने छुआछूत जैसी कुप्रथा के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किए। जिसमें कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अगर जागरूक हो जाए तो समाज अनेक सामाजिक समस्याओं से मुक्त हो सकता है। दहेज जैसी कुप्रथा में दोनों तरह के प्रकरण देखने मिलते हैं। जिसमें जो युवा जागरूक होते हैं वे अपने माता-पिता के विरोध में जाकर भी दहेज नहीं लेते पर इसके विपरीत जो जागरूक नहीं है वे अभी भी दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा को आगे बढ़ा रहे है। ठीक ऐसा ही हाल कन्या भ्रूण हत्या को लेकर है। इसलिए आवश्यक है कि युवा जागरूक होकर समाज के प्रति अपने कर्तव्यों काे समझें।
डा. राजीव मिश्रा विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र ने दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जानकारी दी और आमंत्रित अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया। विभाग की डा. पुष्पा तनेजा और डा. जयराम सिंह ने भी विषय पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे।