मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा रंगपंचमी पर इंदौर में गेर निकालने की घोषणा के बाद से मैदानी अमला खासा सक्रिय है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कारण साढ़े तीन किलोमीटर के गेर मार्ग का आधा किमी का हिस्सा खुदा पड़ा है। हालांकि गेर परंपरागत मार्ग से ही निकालना तय किया गया है। पेचवर्क के जरिए मार्ग को चलने लायक बना दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने 15 मार्च की तारीख तय की है।
बुधवार सुबह कलेक्टर मनीष सिंह, निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल और विधायक मालिनी गौड ने गेर मार्ग की समीक्षा करने के लिए क्षेत्र में पैदल भ्रमण किया। अधिकारियों और विधायक ने निरीक्षण के बाद बचे हुए दिनों में पेचवर्क के जरिए परंपरागत मार्ग को पूरा करना तय किया है।
ताकि गेर में शामिल जनता को ना आए कोई दिक्कत
प्रशासनिक अधिकारी और विधायक सुबह राजबाडा इलाके में पहुंचे थे। यहां से उन्होंने खजूरी बाजार से लेकर गोराकुंड तक का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सड़क मार्ग पर हो रहे काम को लेकर चर्चा की। साथ ही बताया कि बचे हुए दिन में सड़क का काम पूरा कर दिया जाएगा, जिससे गेर में शामिल लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
गेर मार्ग को लेकर संशय बरकरार
बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री तक बन रहे स्मार्ट सिटी रोड़ को लेकर अधिकारियों ने भारी अव्यवस्था देखी। गेर को गोराकुंड से लोहारपट्टी होते हुए इतवारिया बाजार और वहां से राजबाडा तक पहुंचाने पर चर्चा हुई। गेर की भीड़ को अलग-अलग बाजारों में डायवर्ट करने की बात भी हुई। इसके अलावा कुछ दिनों में परंपरागत मार्ग को भी सुधारे जाने की बात कही जा रही है।