जबलपुर में कर्मचारियों ने कहा- पुरानी पेंशन वापसी से कम कुछ नहीं

पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किए जाने और पदोन्नति में आरक्षण सहित कई अन्य मांगों को लेकर मप्र अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

इस ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि अगर जल्द संगठन की मांगों पर विचार नहीं किया गया ताे 27 मार्च को भोपाल में प्रदर्शन किया जाएगा।

रैली में शामिल नेताओं का कहना रहा कि मप्र के स्पेशल कौंसिल मनोज गोरकेला द्वारा बनाए गए पदोन्नति के नियमों को लागू किया जाए। प्रदेश के विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में आरक्षित वर्ग के पद खाली हैं, इसलिए इन बैकलाक पदों पर भर्तियां की जाएं। प्रदेश में आउटसोर्सिंग के जरिए बड़े पैमाने पर भर्ती कर यहां के बेरोजगारों का हक मारा जा रहा है, आउटसोर्सिंग के जरिए रखे गए कर्मचारियों का भी शोषण किया जा रहा है। इसलिए आउटसोर्सिंग प्रथा को बंद किया जाए। पुरानी पेंशन व्यवस्था को अविलंब शुरू किया जाए।

इनकी रही मौजूदगी : इस रैली के दौरान अजाक्स के योगेश चौधरी, राजेंद्र तेकाम, राकेश समुंद्रे, धर्मेंद्र कुकरेले, दालचंद पासी, दिनेश बागरी, शेखलाल आर्माे, नेतराम झारिया, उदयराज सिंह, सुभाष खंडारे, राजू मस्के, महेंद्र चौधरी, अजय मांझी, घनश्याम अहिरवार, टीआर बरकड़े, मूलचंद अहिरवार सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।

ओल्ड पेंशन संघ ने भी पुरानी पेंशन के लिए आवाज उठाई : पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुन: प्रारंभ किए जाने की मांग न्यू मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन संघ ने भी की है। संगठन के जिला अध्यक्ष सनद द्विवेदी और महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष सरिता शाक्य ने कहा कि नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। संगठन के अरविंद राणा, अर्चना दुबे, शैली जैन, प्रमिला सराठे, सपना दुबे, प्रीति चौहान, बृजेंद्र तिवारी, राकेश दिर्घा, हीरालाल परस्ते, दिगपाल सिंह, तुलसीराम तेकाम, राजकुमार गुलजार, सतीश राय आदि ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से मांग की है कि झारखंड और राजस्थान की तरह मध्यप्रदेश में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाए।

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