महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में सामान्य श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद होने के दौरान 1500 रुपए दान से विशेष पूजन अनुमति से गर्भगृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन अब अनिवार्य कर दिया है। इसके पालन की जिम्मेदारी भी संबंधित पुजारी और पुरोहित की होगी। यदि श्रद्धालु व पुजारी, पुरोहित आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
महाकाल मंदिर में सामान्य श्रद्धालुओं को भी गर्भगृह में प्रवेश कर पूजन की सुविधा है। मंदिर समिति ने इसके लिए दोपहर 1 से 4 बजे तक का समय तय किया है। इस दौरान गर्भगृह में नि:शुल्क व सामान्य वेशभूषा में श्रद्धालु प्रवेश कर सकते हैं। प्रवेश देने का निर्णय मंदिर समिति उस समय श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर लेती है।
कोई श्रद्धालु इस समय के अलावा गर्भगृह में प्रवेश कर पूजन करना चाहते हैं तो 1500 रुपए दान रसीद से दो श्रद्धालुओं को निर्धारित ड्रेस कोड में गर्भगृह में जलाभिषेक की अनुमति दी जाती है। इसके लिए सुबह 6 से 9, दोपहर 12 से 1 व शाम को 6 से रात 8 बजे तक का समय निर्धारित है। श्रद्धालु मंदिर समिति के काउंटर से दान रसीद ले सकता है तथा किसी भी पुजारी या पुरोहित के माध्यम से गर्भगृह में जाकर पूजन कर सकता है।
पुरुष और महिलाओं के लिए ड्रेस कोड तय
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ के अनुसार पुरुष को धोती, सोला, बनियान, उपवस्त्र तथा महिला को साड़ी पहनना अनिवार्य है। श्रद्धालु इस दौरान मोजे, चमड़े के पर्स व बेल्ट, हथियार तथा मोबाइल गर्भगृह में नहीं ले जा सकते। इस पर पूर्ण प्रतिबंध है। धाकड़ के अनुसार देखा गया है कि श्रद्धालु पूजन के लिए गर्भगृह में प्रवेश के दौरान मंदिर की परंपराओं व मान्यताओं का पालन नहीं करते हैं, इससे मंदिर की मर्यादा को हानि पहुंचती है। आदेश का उल्लंघन करने पर नियम अनुसार कार्रवाई होगी।