बुंदेलखंड में एक बार फिर पानी के लिए जनता संघर्ष करते हुए दिखाई दे रही है। जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में गांव वाले पानी के लिए जान जोख़िम में डालकर पानी लाने का खतरा उठा रहे हैं। मामला जिले के बकस्वाहा तहसील के एक छोटे से गांव कुषमांड में पानी के लिए गांव के पुरुष एवं महिलाएं अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। वीडियो में गांव के दो पुरूष एक सूखे कुएं में उतर कर पानी भर रहे हैं तो गांव की कुछ महिलाएं कुएं की पाठ के एकदम किनारे खड़े होकर पानी खींच रही हैं। जिस कुएं से ग्रामीण पानी भर रहे है उसकी गहराई 50 से 60 फीट है।
गांव में भारी जलसंकट लोगों की ज़ुबानी
लोगों की मानें तो यहां लगभग सभी कुएं सूख चुके हैं। सिर्फ एक हैंडपंप चालू है। गांव में रहने वाले ग्रामीण देवेंद्र नामदेव साहब सिंह विजय अहिरवार बताते हैं कि गांव के सभी जल स्त्रोत लगभग सूख चुके हैं। गांव में कुल चार कुएं और चार से छह हैंडपंप हैं। हैंडपंपों से थोड़ा बहुत पानी निकलता है, जो पर्याप्त नहीं है। गांव के कुएं भी सूख चुके हैं। देवेंद्र ने बताया कि गांव की जनसंख्या लगभग 5 से 6 सौ के आसपास है और यह गांव बक्सवाहा मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर है।
टैंकर पंचायतों से गायब
वहीं, अगर पंचायत के टेंकरों की बात की जाए तो वह पंचायत से गायब हैं। जबकि, ग्राम पंचायतों को टैंकर जलसंकट से निपटने के उद्देश्य से दिए गए थे। उनका भी पता नहीं है। जनपद सीईओ हर्ष खरे कहते हैं कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि मैं प्रयास करूंगा कि नए बोरवेल हो जायें जिनकी सफाई होनी उनकी सफाई करवाई जाएगी।