FBI के तीन अधिकारियो पहुंचे
अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई की टीम शुक्रवार को इंदौर पहुंची। यहां उन्होंने इंदौर पुलिस कमिशनर हरिनारायण चारी मिश्र से लगभग 1 घंटे मुलाकात की। FBI के तीन अधिकारियों ने कमिश्नर से बंद कमरे में चर्चा की। FBI ने बताया कि पिछले साल इंदौर सहित भारत के कई इलाकों से फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी लोगों से ठगी की जा रही थी। इंदौर पुलिस ने ऐसे कई कॉल सेंटर पर कार्रवाई की थी। FBI अधिकारियों ने कमिश्नर से इन अपराधियों के बारे में जानकारी ली और अब तक इंदौर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया।
पुलिस कमिश्नर बोले- कॉल स्पूफिंग के लेते थे ठग सहारा
पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने नवंबर 2020 में लसूड़िया क्षेत्र से फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर छापा मारा था। कॉल सेंटर में मौजूद कई लोगों द्वारा अमेरिका के लोगों को कॉल स्पूफिंग के माध्यम से यह दर्शाया जा रहा था कि यह कॉल अमेरिका का है। जिसकी सूचना वहां की एजेंसी को दी गई थी। जिसके बाद लगातार एजेंसियों ने इन कॉल सेंटर पर नजर रखना शुरू कर दी थी। इसके लिए भोपाल इंदौर पुलिस से भी संपर्क कर आरोपियों को सलाखों के पीछे किया था।
पुलिस ने बताया कि जिसके कर्मचारी खुद को सोशल सिक्योरिटी कार्ड डिपार्टमेंट का अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से रुपये वसूलते थे। पुलिस ने आरोपियों के लेपटॉप, कंप्यूटर की जांच की तो 10 लाख से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों का डाटा मिला। ठग ने खुद कबूला कि गिरोह के सदस्य रोजाना 15 हजार डॉलर तक की ठगी कर लेते थे।
मोबाइल नंबर स्पूफिंग कैसे की जाती है?
मान लीजिए आपके पास आपके बैंक से कॉल आता है। मोबाइल स्क्रीन शो हो रहा नंबर आपके बैंक का ही होगा। ऐसे में आप यही समझेंगे कि कॉल बैंक से ही है। अब फोन करने वाला आपसे डिटेल मांगेगा। जैसे- डेट ऑफ बर्थ, आधार कार्ड नंबर, OTP (वन टाइम पासवर्ड)। आप भी उसे बैंकिंग से जुड़ी सारी डिटेल्स दे देते हैं। आपके खाते से रकम निकल जाती है। बैंक में कॉन्टैक्ट करते हैं तो पता चलता है कि ऐसा कोई कॉल उनकी ओर से नहीं किया गया।
स्पूफिंग कॉल स्कैम कैसे करता है काम
जालसाज VoIP बेस्ड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर आप तक पहुंच सकते हैं। जालसाज इस तरीके की मदद से कॉलर आईडी को मैनिपुलेट कर आपको इंदौर का नंबर दिखा सकता है, जबकि वास्तव में कॉल अमेरिका से की गई है। VoIP एक ऐसी तकनीक है, जो आपको मोबाइल नेटवर्क की बजाय ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग कर वॉयस कॉल करने की अनुमति देती है।
अमेरिका की प्रोएक्टिव पुलिसिंग का था नमूना
पुलिस कमिश्नर का कहना था कि इंदौर सहित भारत के किन शहरों से अमेरिका में फोन लगाए जा रहे थे वहां पर अब तक कोई शिकायत नहीं करता है। लेकिन प्रोएक्टिव पुलिसिंग के चलते यह पूरी कार्रवाई की गई है। वहीं एफबीआई के अधिकारियों ने इंदौर पुलिस को धन्यवाद भी दिया है।