उज्जैन। विश्वविद्यालय परिसर में जागरूक नागरिकों ने पर्यावरण को बचाने और क्षेत्र को हरा-भरा रखने के लिए एक पौधे से पौधारोपण की शुरूआत की थी, जो अब पांच हजार पौधों तक पहुंच गई। विश्व पर्यावरण दिवस पर सामाजिक संगठनों की भागीदारी से पौधे रोप कर पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया। विश्वविद्यालय क्षेत्र में पुराने पेड़ पौधों के कारण हरियाली के वातावरण होने से प्रतिदिन सुबह और शाम को घूमने वालों की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से यहां आने वाले लोगों ने नए पौधे लगाने का विचार किया। एक-दो पौधों से शुरुआत हुई जो अब पांच हजार पर पहुंच गई। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्ष मित्र सेवा समिति द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के सहयोग से स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी परिसर में सघन पौधारोपण किया गया।
इस अवसर पर लोकसभा सांसद अनिल फिरोजिया ने भी पौधा रोपण कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। वृक्ष मित्र सेवा समिति द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के आयोजन में समिति के अजय भातखंडे, प्रवीण साठे, कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. डीडी बेदिया, एसओईटी के डायरेक्टर डॉ. गणपत अहिरवार, डॉ. कमलेश दशोरा सहित अनेक वृक्ष मित्र और पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे
पौधा रोपने साथ सहजने की जिम्मेदारी भी
विश्वविद्यालय के आंगन में यू तो पहले से ही हजारों पेड़-पौधे है, लेकिन पर्यावरण हितेशी लोगों द्वारा समय-समय पर नए पौधों का रोपण कर पौधों को सहजने की जिम्मेदारी भी लेते है। यही कारण है कि प्रतिदिन यहां घूमने आने वाले लोग रोपे गए पौधों की देखभाल भी करते है, ताकि पौधा बढ़ा हो सकें।
पेड़ों पर जानकारी के लिए लगाए क्यूआर कोड
विक्रम विश्वविद्यालय की वनस्पति और पर्यावरण अध्ययन शाला में अध्ययन के लिए लगे पेड़ों का औषधीय महत्व है। विभागाध्यक्ष डॉ. डी एम कुमावत ने बताया यहां पर अर्जुन, हर्रा खिरनी मोर सली आंवला बेल महुआ सहित अन्य औषधीय प्रजाति के पेड़ है जिन पर हाल ही में क्यूआर कोड लगाया गया है । जिसके माध्यम से कोड को स्कैन करते ही पेड़ के संबंध में सारी जानकारी सामने आ जाती है।