कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को उज्जैन में कुम्भ जैसा नजारा दिखा। हजारों लोगों ने मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान किया। ग्रामीण अंचलों से श्रद्धालु एक दिन पहले से ही धार्मिक नगरी में आना शुरू हो गए थे। इस बार चंद्र ग्रहण होने के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रही।
मंगलवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होने के बाद भी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट, सुनहरी घाट, दत्त अखाड़ा सहित अन्य घाटों पर हमेशा की तरह श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। स्नान के बाद घाट पर बैठे पंडे-पुजारियों से पूजन करवाया और दान किया।
शिप्रा के घाट पर शाम को होगा दीपदान
कार्तिक पूर्णिमा पर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में सुबह स्नान के साथ ही शाम को दीपदान का भी पौराणिक महत्व है। मान्यता के अनुसार वैकुंठ चतुर्दशी पर पूर्वज वैकुंठ की ओर जाते हैं। रास्ते में रोशनी के लिए नदी में दीप छोड़े जाते हैं। इसी मान्यता के चलते मंगलवार को भी नदी के किनारों पर दीपदान होगा।