गुना में हनुमान जन्मोत्सव मेले की A टू Z जानकारी ठंडक के लिए मोगरे के फूल से सजेगा गर्भगृह; 5 लाख भक्तों के आने का अनुमान

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हनुमान जन्मोत्सव पर टेकरी पर लगने वाले जिले के सबसे बड़े मेले की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस वर्ष लगभग 5 लाख लोगों के दर्शन करने की संभावना है। प्रशासन और टेकरी ट्रस्ट इतने ही अनुमान के साथ तमाम व्यवस्थाएं कर रहा है। मंदिर के अंदर की सभी व्यवस्थाएं ट्रस्ट संभालेगा, तो वहीं पार्किंग, पानी, सड़क, मेडिकल टीम की व्यवस्थाएं प्रशासन के हाथ में रहेंगी। तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिये प्रशासन और ट्रस्ट की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। अगर आप भी हनुमान जन्मोत्सव पर टेकरी पर दर्शन करने जा रहे हैं, तो जान लीजिए यह A to Z जानकारी…

कैसे पहुंच सकते हैं?

टेकरी तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं। शहर के अंदर से टेकरी जाने वाले नयापुरा से होकर VIP रोड होते हुए टेकरी पहुंच सकते हैं। वहीं ख़्यावदा रोड होते हुए हनुमंता मंदिर वाला रास्ता भी खुला रहेगा। इसके अलावा बायपास से भी टेकरी तक पहुंचा जा सकता है। म्याना, नानाखेड़ी की तरफ से जाने वालों के लिए बायपास सुलभ रहेगा। राघोगढ़, रुठियाई से आने वाले बिना शहर में एंट्री किये सीधे बायपास से पहुंच सकते हैं। सभी रास्ते खुले रहेंगे।

कहाँ होगी पार्किंग?

हुसैन टेकरी: इस बार पार्किंग को लेकर दो जगह व्यवस्थाएं हैं। पहली पार्किंग हुसैन टेकरी पर रहेगी। पुलिस का पहला बैरिकेड यहीं पर लगाया जाएगा। शहर के अंदर से जाने वाले चार पहिया वाहनों को यहां रोका जाएगा। उन्हें यहीं अपनी कार और वाहन पार्क करने होंगे। यहां से आगे चार पहिया वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। केवल दो पहिया वाहन आगे जा सकते हैं।

बायपास पुल: यहां पार्किंग के लिए चार स्थान तय किये गए हैं। दो पुल के इस तरफ और दो उस तरफ। दोनों तरफ एक जगह चार पहिया वाहन पार्किंग और एक जगह बाइक पार्किंग के लिए रहेगी। इस तरह कुल 4 जगह यहां पार्किंग के लिए तय की गई हैं। बायपास से आने वाले नागरिकों को अपनी गाड़ियां यहीं पार्क करनी होंगी। इन पार्किंग के आगे दूसरा बैरिकेड रहेगा। यहां से आगे कोई भी वाहन नहीं जा सकेगा। नागरिकों को यहां से पैदल ही आगे जाना होगा।

दर्शन की व्यवस्था

टेकरी पर ऊपर दर्शन करने जाने के लिए रास्ते को वन-वे(One-Way) किया गया है। नागरिक सड़क से मंदिर तक पहुंचेंगे। ऊपर जाने के लिए बस यही रास्ता रहेगा। यहां हमेशा की तरह तय स्थान पर जूता स्टैंड बनाया जाएगा। वहां अपनी जूते-चप्पल उतारेंगे। यहां पास में ही प्याऊ पर पानी की व्यवस्था रहेगी। हाथ धोने के बाद नागरिक मुख्य मंदिर पर दर्शन करने जाएंगे। मुख्य मंदिर में दर्शन करने के बाद सीढ़ियों से पीछे सिद्ध बाबा के दर्शन करने जाएंगे। वहां से सीढ़ियों से ही वापस ऊपर आते हुए मुख्य मंदिर की साइड से निकलकर मंदिर के आगे की तरफ की मुख्य सीढ़ियों से नीचे उतरेंगे। नीचे आने का केवल यही रास्ता रहेगा।

इस बार यह रहेगा खास

टेकरी ट्रस्ट के प्रवक्ता राजेश मोहन ने बताया कि विशेष फूलों से बालाजी का श्रृंगार होगा। पूरे गर्भगृह में फूलों से श्रृंगार किया जायेगा। मुख्य गर्भगृह को मोगरे के फूलों से सजाया जाएगा, ताकि वह ठंडा रहे। बाकी जगह को भी गेंदे, लिली सहित अन्य फूलों से सजाया जायेगा। वहीं बाकी परिसर को आर्टिफीसियल फूलों से सजाया जाएगा। इसके अलावा पहले बार फायर लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी। इस आकर्षक लाइट का नजारा भी श्रद्धालु देख पाएंगे। इस लाइट में यह खास बात है कि इसे देखने से ऐसा लगता है, जैसे पटाखों की रौशनी हो रही हो।

कंट्रोल रूम बनेंगे

इस बार लगभग 5 लाख लोगों के दर्शन करने पहुँचने का अनुमान है। इसलिए 3 कंट्रोल रूम बनाये जाएंगे। एक कंट्रोल रूम टेकरी के ऊपर धर्मशाला पर रहेगा। दूसरा सीढ़ियों पर और तीसरा टेकरी के नीचे। इन्हीं कंट्रोल रूम से पूरे परिसर पर नजर रखी जायेगी। राजस्व के अधिकारियों को ड्यूटी भी लगाई गई है। मुख्य मंदिर, सीढ़ियों पर, रास्ते, मेले की व्यवस्था पर नजर रखने के लिए राजस्व अधिकारी तैनात रहेंगे।

बाहर से आने वालों के लिए जरूरी बातें

जिले के बाहर से जो नागरिक हनुमान जन्मोत्सव पर टेकरी पर दर्शन करने पहुंचना चाहते हैं, उनके लिए कई व्यवस्थाएं मौजूद हैं। लगभग सभी जिलों से गुना पहुंचने के लिए आसानी से बस उपलब्ध हैं। वहीं ट्रैन के जरिये भी गुना पहुंचा जा सकता है। उनके रुकने के लिए गुना में कई होटल, धर्मशालाएं आसानी से मिल जाएंगी। टेकरी तक पहुंचने के लिए ऑटो उपलब्ध रहते हैं। उनके जरिये टेकरी तक पहुंचा जा सकता है। निजी वाहनों से आने वालों के लिए वहीं रूट रहेगा, जो बाकी नागरिकों के लिए है।

टेकरी ट्रस्ट की नागरिकों से अपील

-मातृ शक्ति से विशेष निवेदन है कि मंहगे आभूषण पहन कर ना आएं।

-पूरी पहाड़ी पर एवं मंदिर परिसर में दीपक एवं अगरबत्ती क़तई ना जलायें। पूर्णतः प्रतिबंध है।

-नारियल साबुत ही अर्पित करें।

-धक्का मुक्की से पूर्ण परहेज़ करें।

-निर्धारित मार्गों से ही आवाजाही कर व्यवस्था में सहयोग करें। यातायात अवरुद्ध होने की स्थिति न बनने दें। सहयोग करें।

-मंदिर निर्माण हेतु दान की राशि दानपेटी अथवा रसीद के माध्यम से ही प्रदान करें।

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