भोपाल में एक महिला जन धन योजना के नाम पर लोगों के रुपए लेकर फरार हो गई। आरोपी महिला ने कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए एफडी पर ज्यादा ब्याज का लालच देकर गरीब लोगों से रुपए लिए थे। तीन महीने में आरोपी महिला लाखों रुपए लेकर गायब हो गई। ऑफिस में ताला लगा होने के बाद लोगों ने इसकी शिकायत बागसेवनिया पुलिस से की। अब तक 10 से ज्यादा लोग सामने आ चुके हैं।
एक साल से फरार
बागसेवनिया थाने में महिला की जालसाजी का शिकार हुए लोगों ने एक साथ आवेदन दिया था। पुलिस ने बताया कि अंजली सिन्हा नाम की महिला ने सितंबर 2020 में बागमुगालिया में कियोस्क व कामन सर्विस सेंटर शुरू किया था। बागमुगालिया में रहने वाले नंदराम अहिरवार ने बताया कि उसने जन-धन योजना के तहत खाता खुलवाया था। खाता एसबीआई बागमुगालिया शाखा में था। अंजली सिन्हा ने अपने कियोस्क से खाते का संचालन करने का झांसा देकर उससे कुछ राशि जमा कराई। उसने बताया कि उसके माध्यम से एफडी करवाने पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। उसकी बातों में आकर उससे दो लाख रुपए की एफडी कराई। कुछ महीने बाद ही अंजली सिन्हा अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गई है। बैंक की शाखा पहुंचने पर उन्हें पता चला कि उनके खाते में न तो रुपए जमा हुए और न ही उनके नाम पर कोई एफडी ही है।
हेरफेर का यह तरीका था
नंदराम ने बताया कि उन्होंने अंजली को रुपए दिए थे। पैसे बैंक खाते में जमा करने के लिए जो उससे एक वाउचर भरवाया था। उसकी पावती तो खाता धारक को दे देती थी। वह उनके वाउचर की जगह बैंक में अपने परिजनों और मां के नाम का वाउचर बैंक में जमा करती थी। लोगों को लगता था कि व उनके नाम का वाउचर जमा कर रही है।
अब तक 10 लोग शिकायत कर चुके
पुलिस के अनुसार अभी सिर्फ अंजली को आरोपी बनाया है। उसके खिलाफ नंदराम के अलावा 10 से अधिक लोग शिकायत कर चुके हैं। उसने कुल कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है, इसका खुलासा नहीं हो सका है। अब तक की जानकारी में कियोस्त से काफी संख्या में बैंक खातों का ट्रांजेक्शन सामने आया है।
इनको बनाती थी शिकार
अंजली ऐसे लोगों को शिकार बनाती थी, जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते थे। इसमें अनपड़, गरीब, मजदूर और डिजिटल ट्रांजेक्शन नहीं जानने वाले होते थे। अंजली लोगों के डिजीटल पेमेंट और पढ़े लिखे नहीं होने का फायदा उठाती थी। पुलिस को और लोगों के उसके जाल में फंस होने की आशंका है।