सभी जोन का सर्वे कर बनाया एस्टीमेट:- शहर की 83 सड़कों का सुधार करने के लिए 8.34 करोड़ रु. खर्च होंगे, सबसे ज्यादा खराब जोन 4 में

शहर की बदहाल सड़कों के सुधार की अब उम्मीद जागी है। शहर की 83 सड़कों के सुधार के लिए नगर निगम ने राज्य शासन को 8.34 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है। राशि उपलब्ध होने के बाद सड़कों का सुधार शुरू होगा। खराब हुई अधिकांश सड़कें डामर की हैं। जोन 4 की सड़कें ज्यादा खराब हुई हैं।

शहर की सड़कों का निर्माण सिंहस्थ 2016 में कराया गया था। इनमें डामर और सीमेंट कांक्रीट की सड़कें शामिल हैं। सिंहस्थ के पहले सड़कों का चौड़ीकरण भी किया गया था। सिंहस्थ में बनाई गई सड़कों की 3 से 5 साल की वारंटी भी थी। सड़कों का वारंटी काल भी पूरा हो चुका है। अधिकांश सड़कों की स्थिति खराब हो गई है। सड़कों का सरफेस खराब होने के साथ गई जगह गड्ढे हो गए हैं।

डामर की सड़कों को लेकर निर्माण एजेंसियों में यह नियम है कि तीन साल बाद उनका सुधार होना चाहिए। सिंहस्थ को पांच साल हो चुके हैं, ऐसे में सिंहस्थ में बनाई गई उन सड़कों जो वारंटी अवधि से बाहर हो चुकी हैं, उनका सुधार नगर निगम सीमा में निगम को कराना है। हालांकि निगम ने अनेक सड़कों का निर्माण कराया है और कई का पैचवर्क कराया है।

बारिश के बाद खराब हुई सड़कों के सुधार के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया गया है। निगमायुक्त अंशुल गुप्ता के अनुसार सीएम ने वीसी के जरिए शहरों की सड़कों के सुधार के लिए कहा है। शहर की सड़कों का जोनवार निरीक्षण करा कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राशि मिलने पर सड़कों के निर्माण का काम शुरू होगा।

निगम के बजट में 4.21 करोड़ का प्रावधान

निगम ने 2021-22 के बजट में सड़कों के लिए 4.21 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। कोरोना के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा निगम बजट प्रावधान होने के बावजूद सरकार से मदद की उम्मीद लगाए है। शहर में रोज हजारों तीर्थ यात्री और पर्यटक आते हैं, जो महाकालेश्वर के साथ शहर के अन्य प्राचीन मंदिरों में दर्शन पूजन के साथ शिप्रा की यात्रा करते हैं।

सीवरेज लाइन डालने के कारण सड़कें बदहाल

अमृत मिशन में शहर में सीवरेज पाइप लाइनें डालने का काम चल रहा है। इस कारण शहर की मुख्य सड़कों के अलावा गली-मोहल्लों की सड़कें भी बदहाल हो गई हैं। यह काम टाटा प्रोजेक्ट्स को दिया गया है। टेंडर इस शर्त के साथ दिया है कि पाइप लाइन डालने के बाद ठेकेदार सड़क को पहले जैसी ठीक करके देगा। लेकिन ठेकेदार टेंडर की शर्ताें का पालन नहीं कर रहा।

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