मुरैना के कैलारस में रात में अंगीठी जलाकर सोना एक परिवार के लिए बर्बादी का कारण बन गया। अंगीठी से निकली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से मां की मौत हो गई और पिता व बेटी की जिंदगी पर बन आई। पिता व बेटी का इलाज अस्पताल में चल रहा है। घटना एक दिन पहले की है।
अंचल में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। कैलारस के पहाड़गढ़ क्षेत्र के ग्राम मामचोन में हजारी लाल धाकड़ की आटा चक्की है। दिन में चक्की चलाने के बाद हजारी लाल धाकड़, उसकी पत्नी कमला तथा बेटी राखी तीनों उसमें सो जाया करते थे। रात में इन्होंने घर में अंगीठी पर खाना बनाया और कमरा गर्म बना रहे, इसलिए उस अंगीठी को उस आटा चक्की वाले कमरे में रख दिया जिसमें वह सो रहे थे। अंगीठी को रखने का कारण कमरे को गर्म बनाए रखना था। रात में खाना खाकर माता-पिता व बेटी, तीनों सो गए। उस अंगीठी से कार्बन मोनोऑक्साईड गैस रात भर निकलती रही जिससे तीनों बेहोश हो गए। उसी बेहोशी की हालत में हजारीलाल धाकड़ की पत्नी कमला की मौत हो गई और हजारीलाल व उनकी बेटी राखी बेहोशी की हालत में सोते रहे।
मृतक कमला की लाश
आटा लेने आए लोगों को हुआ शक
दूसरे दिन की दोपहर हो गई तथा घर में से कोई नहीं निकला। दोपहर में कुछ लोग अपना पिसा आटा उठाने आए तो देखा कि चक्की बंद हैं। उन्होने घर में आवाज लगाई तो कोई बाहर नहीं निकला। इस पर उन्हें कुछ शक हुआ और उन्होंने पड़ोसियों को यह बात बताई। पड़ोसियों ने आंगन में कूदकर चक्की के पीछे का दरवाजा जो कि आंगन में भी खुलता था उसे खोलकर अन्दर देखा तो तीनों बेहोश पड़े थे। बेहोशी की हालत में तीनों को कैलारस अस्पताल लाया गया जहां कमला की मौत हो चुकी थी तथा पिता व बेटी दोनों की हालत नाजुक बनी थी। बाद में उनको गंभीर हालत में ग्वालियर स्थित ट्रामा सेन्टर ले जाया गया। वहां उनका इलाज चल रहा है।
बेटीका इलाज कर रहे चिकित्सक