रानी कमलापति रेलवे स्टेशन जाने के लिए घर से निकलो तो शहर के चौक-चौराहों पर लगे दिशा सूचक बोर्ड हबीबगंज रेलवे स्टेशन का पता बताते हैं।
दरहसल स्टेशन का नाम 14 नवंबर 2021 को बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया था। यह नाम मप्र की गोंड शासिका रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है। रेलवे ने इसी दिनांक से आरक्षण प्रणाली से लेकर हर स्तर पर स्टेशन का नाम बदल दिया है लेकिन शहर के चौक-चौराहों पर लगे ज्यादातर दिशा सूचक बोर्डों पर अभी भी स्टेशन का पुराना नाम हबीबगंज ही लिखा हुआ है। जिसकी वजह से गफलत हो रही है। उधर, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन परिसर स्थित जीआरपी थाना भी हबीबगंज के नाम से चल रहा है। थाने से जुड़े कामकाज को लेकर पहुंचने वाले आम लोगों को भी दिक्कतें हो रही है।
इन क्षेत्रों में लगे पुराने नाम के बोर्ड
शहर के चौक-चौराहों पर लगे ज्यादातर दिशा सूचक बोर्ड पर स्टेशन का पुराना नाम ही दर्ज है। बागसेवनिया क्षेत्र के गुलाबी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास मुख्य सड़क पर लगे यूनिक पोल में दिशा सूचक बोर्ड है। इस पर अभी भी हबीबगंज रेलवे स्टेशन लिखा हुआ है। इसी तरह हबीबगंज नाका से आइएसबीटी की तरफ जाते समय रानी कमलापति स्टेशन के पहले रेलवे के पुराने निर्माण भवन के पास और नर्मदा क्लब के सामने एक दिशा सूचक बोर्ड है। इन दोनों ही बोर्ड पर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जिक्र है।
अभी तो हबीबगंज जीआरपी थाने के नाम से ही लिखा-पढ़ी कर रहे हैं। नाम बदलने की प्रक्रिया चल रही है। जब बदल जाएगा, तब पुराने नाम का उपयोग नहीं करेंगे।
– महेंद्र सिंह सोमवंशी, थाना प्रभारी, जीआरपी
जीआरपी थाने का नाम बदलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। करीब एक माह का समय हो चुका है। जैसे ही अधिसूचना जारी होगी, उस अनुरूप कार्रवाई करेंगे।
– हितेश चौधरी, पुलिस अधीक्षक, रेल, भोपाल
दिशा सूचक बोर्ड पर दर्ज स्टेशन का पुराना नाम हटाकर नया दर्ज कराने के लिए रेलवे प्रयासरत है। एक हफ्ता पहले नगर निगम आयुक्त से बोर्ड पर स्टेशन का नया नाम दर्ज कराने का आग्रह कर चुके हैं।
– सौरभ बंदोपाध्याय, डीआरएम, भोपाल रेल मंडल
थाने का नाम बदलने की प्रक्रिया उच्च स्तर से होनी है। यह प्रक्रिया जल्द पूरा कराने के प्रयास किए जाएंगे। चौक-चौराहों पर दिशा सूचक बोर्ड से स्टेशन का पुराना नाम हटवाया जाएगा।
– अविनाश लवानिया, कलेक्टर भोपाल
शहर में लगे सभी दिशा सूचक बोर्ड हमारे नहीं हैं। इनमें कुछ लोक निर्माण विभाग के भी हैं, जिसके लिए उन्हें सूचित कर दिया गया है। हमने अपने आधिपत्य के सभी बोर्ड बदल दिए हैं।
– केवीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, नगर निगम
दिशा सूचक बोर्ड पर स्टेशन का पुराना नाम लिखा होने के कारण बाहर से आने वाले लोगों में गफलत की स्थिति पैदा हो रही है। जिला प्रशासन व रेलवे को मिलकर इसे दूर करना चाहिए।
– निरंजन वाधवानी, सदस्य, मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति भोपाल