परिषद नये कलेवर योजनाओं में कार्य करेगी : कार्यपालक निदेशक धीरेन्‍द्र पाण्‍डेय

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उज्‍जैन । मप्र जनअभियान परिषद संभाग उज्‍जैन के जिला/विकासखण्‍ड समन्‍वयकों तीन दिवसीय बैठक सह प्रशिक्षण इस्‍कॉन मंदिर भरतपुरी उज्‍जैन में द्वितीय दिवस आयोजित किया गया। परिषद आगामी वर्ष में शासन के विभिन्‍न विभागों की योजनाओं का प्रचार-प्रसार और सामाजिक अंकेक्षण सहित कई कार्यो को परिषद के नेटवर्क के माध्‍यम से करेगी। परिषद की योजनाएं नये कलेवर में संचालित होगी। परिषद का कार्य शासन और समाज के बीच सेतु के रूप में है। म.प्र. जनअभियान परिषद एक ऐसी संस्‍था है जो देशभर के लिये रोल मॉडल है। परिषद के मैं कोरोना वॉलेटियर्स अभियान कि प्रदेश सहित देश भर में विभिन्‍न मंचो से प्रशंसा हुई हैं। यह बात परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्‍द्र पाण्‍डेय के द्वारा व्‍यक्‍त की गयी।

प्रशिक्षण में शुभारंभ सत्र में मुख्‍य अतिथि म.प्र. जनअभियान परिषद के उपाध्‍यक्ष (राज्‍य मंत्री दर्जा) श्री विभाष उपाध्‍याय, परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्‍द्र पाण्‍डेय, विशिष्‍ट अतिथि प्रांत सदभाव संयोजक श्री विपिन आर्य, अध्‍यक्षता विवेकानंद केन्‍द्र कन्‍याकुमारी संगठन मंत्री सुश्री रचना जानी के द्वारा की गयी।

प्रान्‍त सदभावना संयोजक श्री विपिन आर्य ने ”सामाजिक समरसता” पर जोर देते हुए बताया कि भारत में प्राचीनकाल से ही ”सामाजिक समरसता” का भाव व्‍याप्‍त रहा है। रामायणकाल/ महाभारत काल में भी समरसता के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। परिषद का नेटवर्क वंचित वर्गो के बीच में ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। समाज के सभी वर्ग के विकास ही ”समुचित विकास” है।

विवेकानंद केन्‍द्र कन्‍याकुमारी संगठन मंत्री सुश्री रचना जानी ने नेतृत्‍व विकास विषय पर प्रशिक्षण प्रदान करते हुऐ बताया कि मैं से हम कि ओर जाना होगा, तभी हम परिवार, समाज, राष्‍ट्र, विश्‍व के विकास को सुनिश्चित कर सकते है। व्‍यक्तित्‍व विकास के महत्‍व को समझना होगा और मन पर नियंत्रण करना होगा।

द्वितीय सत्र में परिषद राज्‍य कार्यालय से श्री अमिताभ श्रीवास्‍तव ने बताया कि किसी भी संस्‍था के कार्यो का विस्‍तार प्रवास से ही हो सकता है। क्षेत्रीय भ्रमण कर आमजन से संवाद, संपर्क और सहजता से योजनाओं का क्रियान्‍वयन सहज हो सकता है।

तृतीय सत्र में प्रशिक्षिणार्थियों के द्वारा समूह कार्य में स्‍वच्‍छ ग्राम, उर्जा संरक्षण, डिजिटल इंडिया, आत्‍मनिर्भर भारत, जल सरंक्षण, आदि विषयों पर कार्ययोजना तैयार कर समूह के द्वारा प्रस्‍तुतीकरण किया गया उक्‍त सत्र कि अध्‍यक्षता संघचालक श्री श्रीपाद जोशी के द्वारा प्रस्‍तुतीकरण विश्‍लेषण कर कहा कि ग्राम में जो समूह बनाये जाये उनमें रहने वाले व्‍यक्तियों का चयन किया जावें जो ग्राम विकास में रूचि रखते है उन्‍हे लिया जावें और उनके बीच में ग्राम विकास कि योजनाओं को रखा जावें।

पाणिनि संस्‍कृत वि.वि. उज्‍जैन कुलपति श्री विजय कुमार ने समाज के विकास पर जोर देते हुए बताया कि समाज के सभी वर्ग परस्‍पर समन्‍वय से रहकर ही विकास कि अवधारणा को जमीनी स्‍तर पर परिणित कर सकते है।

प्रशिक्षण में उज्‍जैन संभाग के परिषद के विकासखण्‍ड/जिला/संभाग समन्‍वय उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संभाग समन्‍वयक श्री शिवप्रसाद मालवीय के द्वारा आभार व्‍यक्‍त किया गया, विभिन्‍न दलों के द्वारा नुक्‍कड नाटकों और समूह गान कि प्रस्‍तुती भी की गयी।

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