पांच हजार से ज्यादा लड़कियों की खरीद फरोख्त करने वाले बांग्लादेशी तस्कर मामून को पकड़ना मामूली बात नहीं थी। मुंबई के नालासोपारा जैसी घनी बस्ती में रहने वाला मामून सालों से विजय दत्त बनकर पूरे देश में लड़कियों की सप्लाई कर रहा था।
लेकिन एसआइ प्रियंका शर्मा ने उसे फंसाने के लिए खुद की बोली लगा दी। तीन दिन इधर-उधर घुमाने के बाद मामून बस्ती से बाहर निकला और प्रियंका उसे इंदौर दबोच लाई।
मूलत: भोपाल की रहने वाली प्रियंका शर्मा 2017 बैच की सब इंस्पेक्टर है। दादा कमल लाल भी पुलिस में रहे हैं। उन्हें वर्दी में देखकर प्रियंका ने भी पुलिस सेवा में जाने की ठानी। बीई (कंप्यूटर साइंस) करने के बाद एसआइ के लिए चयन हो गया। जेएनपीए (सागर) में ट्रेनिंग लेने के बाद प्रियंका की पहली पोस्टिंग इंदौर के विजय नगर थाना में हुई। लसूड़िया और एमआइजी थाने में महिला अफसर न होने के कारण महिलाओं से संबंधित अपराधों के लिए प्रियंका को ही याद किया जाने लगा।
देह व्यापार के अड्डे पर मार 21 लड़कियों को करवाया मुक्त – 2021 में प्रियंका उस वक्त चर्चा में आइ जब देह व्यापार के उस अड्डे पर छापा मारा जहां बांग्लादेश की 21 लड़कियों को बंधक बना कर रखा गया था। प्रियंका ने उन्हें मुक्त करवाया और करीब 40 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। इसके बाद प्रियंका ने ड्रग माफिया के विरुद्ध अभियान छेड़ा और आंटी उर्फ काजल सहित हाई प्रोफाइल घरानों के युवकों को जेल भेजा।
जाल बिछाकर मानव तस्कर को पकड़ा – पिछले साल नवंबर में प्रियंका ने बांग्लादेश के मानव तस्कर मामून को मुंबई से पकड़ा तो देशभर की जांच एजेंसियां सकते में आ गई। आइबी, एनएआइ और बांग्लादेशी एनसीबी तक पड़ताल में जुट गई। मामून पहचान छुपा कर पुलिस चौकी (नाला सोपारा) के सामने ही रहता था। एसआइ जानती थी कि मामून जिसे एनआइए व सीआइडी नहीं ढूंढ पाई, उसे पकड़ना आसान नहीं है। प्रियंका ने जाल बिछाया और दलालों के जरिए खबर भिजवा दी कि उप्र की एक लड़की बिकने के लिए आई है। तीन दिन बाद मामून घर से बाहर निकला और एसआइ ने उसे दबोच लिया। इसके पहले मामून जांच एजेसियों के हत्थे नहीं चढ़ा था।