पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में जताई जा रही संभावित तेजी को देखते हुए अब ट्रांसपोर्टरों ने भी माल भाड़ा बढ़ाने की तैयारी कर ली है। अगर डीजल के भाव बढ़ते हैं तो ट्रांसपोर्टर 25 प्रतिशत तक किराया बढ़ा देंगे।
इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। बस संचालकों ने भी डीजल के भाव बढ़ने पर किराया बढ़ाने की तैयारी की है। उनका कहना है कि तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाए तो हम परिवहन आयुक्त और परिवहन मंत्री से मिलकर 60 प्रतिशत किराया बढ़ाने की मांग कर देंगे।
लंबे समय से पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में इजाफा नहीं हुआ है। अब आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही कंपनियां डीजल के दामों में 12 से 15 रुपये की वृद्धि कर सकती हैं। इसलिए ट्रांसपोर्टर भी दाम बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इंदौर ट्रक आपरेटर्स एंड ट्रांसपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने बताया कि कोरोना काल के बाद कामकाज थोड़ा ठीक हुआ है। हालांकि पहले के तुलना में 80 प्रतिशत वाहन सड़कों पर आए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही व्यापार पहले जैसा हो जाएगा, लेकिन बाजार में चर्चा है कि डीजल के दामों में वृद्धि होगी। इसलिए मजबूरन हमें भी भाड़ा बढ़ाना पड़ेगा। हम लोग बैठक कर इस पर निर्णय लेंगे। 25 प्रतिशत भाड़ा बढ़ाया जा सकता है। हालांकि हमारे ग्राहक इसमें कमी कर लेते हैं। फिर भी 10 से 12 प्रतिशत माल भाड़ा बढ़ जाएगा। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि अभी इंदौर से मुंबई के बीच 25 टन की गाड़ी का भाड़ा करीब 40 हजार रुपये है। अगर 15 प्रतिशत भी बढ़ता है तो यह भाड़ा 46 हजार रुपये हो जाएगा। भाड़ा बढ़ाना हमारी मजबूरी है।
किराया नहीं बढ़ाया तो संचालन मुश्किल – प्राइम रूट बस आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा के मुताबिक यह सही है कि डीजल के भाव अभी कुछ दिनों से स्थिर हैं, लेकिन दूसरे खर्च लगातार बढ़ रहे हैं। अगर पेट्रोलियम पदार्थों के भाव बढ़े तो हम किराया 60 प्रतिशत बढ़ाने की मांग करेंगे। वर्तमान भाव में भी संचालन करने पर हमें नुकसान ही हो रहा है। कोरोना काल में पहले ही कई बसें बंद हो चुकी हैं।