परिवहन विभाग को अपना राजस्व का टारगेट पूरा करने के लिए हर दिन 44 करोड़ रुपये राजस्व चाहिए, तभी 3200 करोड़ रुपये का टारगटे पूरा होगा।
इसके लिए चैक पोस्ट पर सख्ती बढ़ा दी गई है। साथ ही पुराने वाहनों से टैक्स वसूली के नोटिस दिए गए हैं, ताकि राजस्व बढ़ सके। आरटीओ, उड़न दस्ता प्रभारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। परिवहन आयुक्त ने सभी अधिकारियों को 31 मार्च तक टारगेट पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
परिवहन विभाग को इस बार 3600 करोड़ रुपये का टारगेट मिला था, लेकिन यह टारगेट पूरा होता नहीं दिख रहा था। विभाग ने टारगेट घटाने के लिए सरकार से मांगी की थी। तर्क था कि कोविड-19 के चलते कारोबार प्रभावित रहा है। इससे राजस्व नहीं मिल पा रहा है। विभाग ने 3200 करोड़ रुपये का राजस्व का टारगेट निर्धारित किया है। 3200 करोड़ का टारगेट हासिल करना है। 31 मार्च को समाप्त होने में 10 दिन शेष हैं। इन दस दिनों में 488 करोड़ रुपये का राजस्व की जरूत है। हर दिन 44 करोड़ रुपये का राजस्व चाहिए। बस, ट्रक पर जो टैक्स बकाया है, उसकी भी वसूली की जा रही है। इन्हें नोटिस भेजे गए हैं। साथ ही पुराना टैक्स वसूलने के लिए समझौता भी किए जा रहे हैं।
मेले नहीं लगने से पिछ़ड़े
ग्वालियर व्यापार मेले से विभाग करीब 50 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलता था, लेकिन इस बार मेला नहीं लगा, जिसके चलते आटो मोबाइल सेक्टर में बूम नहीं आ सका। ग्वालियर में गाड़ियों की खरीद कम रही है। ग्वालियर आरटीओ भी टारगेट में पिछड़ा हुआ है।
– प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व वाहन विक्री से मिलात है, लेकिन इस बार चार पहिया वाहन पर लंबी बेटिंग रही है। दीपावली लोगों को वाहन नहीं मिल सके। वेटिंग के चलते वाहन विक्री में गिरावट आई है। इससे राजस्व घटा है।
– इस बार विभाग को वाहन विक्री से काफी कम राजस्व मिला है।