स्मार्ट सिटी के तहत सिटीज मिशन के सूरत के सम्मेलन में महाकाल-रुद्रसागर विकास का प्रजेंटेशन होगा। सूरत में 18 से 20 अप्रैल तक सिटीज मिशन में शामिल शहरों में किए गए यूनिक और इनोवेटिव कामों पर मंथन किया जाएगा। सिटीज 2.0 के लिए रूपरेखा बनेगी। सिटीज 2.0 को क्लाइमेट चेंज पर फोकस करने पर विचार होगा।
केंद्र सरकार ने सिटीज मिशन में चयन के लिए देश के सभी स्मार्ट सिटी शहरों के बीच प्रतियोगिता कराई थी। इनमें 12 शहरों का चयन किया था। मप्र से केवल उज्जैन को चुना था। इन शहरों में खास विकास कार्यों के लिए अलग से अनुदान दिया है। उज्जैन को फ्रांस सरकार की ओर से 80 करोड़ रुपए मिले हैं। सिटीज मिशन के टारगेट को पूरा करने में 12 में से 3 शहर सबसे आगे हैं- हुबली, उज्जैन और चेन्नई। सूरत में तीन दिनी सम्मेलन में सिटीज शहरों में किए यूनिक और इनोवेटिव कामों का प्रजेंटेशन होगा। उज्जैन स्मार्ट सिटी इसमें महाकाल-रुद्रसागर प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन करेगी।
इस काम को अन्य सभी स्मार्ट सिटी शहरों में यूनिक माना है। इससे उज्जैन आने वाले पर्यटकों, यात्रियों को सुविधाएं मिलने के साथ नगर की आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी। सूरत ने सिटीज के तहत जो प्रोजेक्ट किए हैं, उनकी विजिट भी होगी। इनमें अफोर्डेबल हाउसिंग और डायवर्सिटी पार्क शामिल हैं।
स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक के अनुसार यह सम्मेलन डिजिटल गवर्नेंस, इनवायरमेंट व क्लायमेट, इनोवेशन, स्मार्ट फाइनेंस तथा रि-इमेजिंग पब्लिक प्लेस पर आधारित होगा। उज्जैन स्मार्ट सिटी ने देश का पहला डिजिटल सेंटर बनाया था, जिसका फायदा न केवल विद्यार्थियों को बल्कि नागरिकों को भी मिल रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के साथ मिलकर स्मार्ट सिटी ने नियंत्रण में काफी मदद की थी।
बिजली बचाने के लिए पूरे शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। प्लेस मेकिंग में आंगनवाडिय़ों का सुधार, अनुपयोगी और गंदे स्थानों का सौंदर्यीकरण आदि शामिल है। सम्मेलन में सिटीज 2.0 की घोषणा होने की भी संभावना है। सिटीज मिशन का दूसरा चरण क्लाइमेट चेंज पर आधारित हो सकता है। सम्मेलन में भाग लेने के लिए स्मार्ट सिटी ईडी अंशुल गुप्ता, सीईओ पाठक व अन्य अधिकारी जाएंगे।