कोरोना महामारी ने बहुत उदासी ला दी थी। ऐसा लगा था मानो अब कुछ नहीं बचेगा। पहली से तीसरी लहर के बीच अपनों को बिछड़ते हुए देखकर मन बहुत निराश था।
आज काशी विश्वनाथ की यात्रा शुरू कर रहे हैं बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। कोरोना महामारी के बाद से कभी ऐसा माहौल नहीं मिला। स्टेशन पर पहुंचाने से लेकर ट्रेन में बैठ आने तक बहुत सम्मान मिला।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर यह अनुभव तीर्थयात्रियों ने नवदुनिया से साझा किए। भोपाल के करौंद क्षेत्र में रहने वाले तीर्थयात्री हरिराम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा से उनके मन को सुकून मिला है। जबरदस्त उत्साह के साथ उन्हें तीर्थ यात्रा के लिए भिजवाया जा रहा है। उनके पास समय नहीं था तब भी उन्हें यात्रा के लिए उनके मोहल्ले के लोगों ने प्रेरित किया इसलिए भी जा रहे हैं।
डिंडोरी के रहने वाले हरछत सिंह परस्ते अपनी पत्नी सोमती बाई के साथ तीर्थ दर्शन के लिए जा रहे हैं। स्टेशन पर आज जैसा स्वागत उनके जीवन में कभी नहीं मिला था, वह बहुत खुश हैं।
भोपाल की रहने वाली गौराबाई का कहना था कि कोरोना महामारी में जिंदा बचने की उम्मीद नहीं थी क्योंकि आसपास लोगों को परेशान होते देखा है, कई लोगों की जान चली गई थी। यह भी उम्मीद नहीं थी की बंद हो चुकी तीर्थ दर्शन ट्रेन कभी चालू होगी।
इन तीर्थयात्रियों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचकर स्वागत किया और उनका हालचाल जाना है। उनका सम्मान किया। उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कोरोना महामारी के कारण बेबस हो गई थी। यदि कोरोना महामारी की बंदिशें नहीं रहती तो पहले ही तीर्थ दर्शन सेवा शुरू कर देते थे। अब कोरोना का खतरा नहीं है इसलिए बिना देरी के तीर्थ दर्शन कराने के रास्ते खोल दिए हैं। काशी विश्वनाथ ही नहीं, प्रत्येक तीर्थ स्थलों का दर्शन कराएंगे। इसमें एक अनुमान के मुताबिक 856 तीर्थयात्रियों को लेकर ट्रेन तय समय दोपहर 1:30 बजे से 4 मिनट पहले रवाना हो गई। इनमें भोपाल जिले के 583, सागर के 100, सीहोर, विदिशा, रायसेन, टीकमगढ़, दमोह के 50-50 शामिल हैं।
जिला प्रशासन डटा रहा
काशी विश्वनाथ के लिए रवाना होने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह कि कोई असुविधा न हो, इसे देखते हुए प्रशासन ने चाक—चौबंध सुविधा कर रखी थी। श्रद्धालुओं को स्टेशन तक बसों से पहुंचाया गया था। यहां इन्हें टेंट में बैठाया गया। जिसमें कूलर, पंखे की व्यवस्था थी। इन्हें आते ही ठंडा पानी उपलब्ध कराया गया। चाय, नाश्ता का इंतजाम था। इन्हें भोजन के पैकेट भी वितरित किए गए। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और श्रद्धालुओं के हालचाल जानें।
श्रद्धालुओं के लिए खोला बंद प्रवेश द्वार
स्टेशन पर रेलवे की ओर से पुराने भवन में स्टेशन के लोकार्पण के बाद से बंद पुराने प्रवेश द्वार को खोल दिया गया।