देश में पुरानी पेंशन बहाल करने की बयार सी चल पड़ी है। इसकी तपिश एमपी में भी महसूस होने लगी है। आज जबलपुर में बड़ी संख्या में विभिन्न संगठन के बैनर तले कर्मचारी सड़क पर मार्च करने उतरे। घंटाघर पहुंच कर तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर छग-राजस्थान की तर्ज पर पुरानी पेंशन बहाल करने की आवाज बुलंद की।
पुरानी पेंशन बहाली महासंघ के बैनर तले जबलपुर संभाग के सभी जिले के केंद्रीय, रेलवे, रक्षा, राज्य कर्मचारी के प्रमुख पदाधिकारी इस पैदल मार्च में शामिल होने पहुंचे थे। गोलबाजार से सभी लोग पैदल घंटाघर पहुंचे। यहां पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने की वजह बताई और राज्य व केंद्र सरकार से अपील की कि वे किसान आंदोलन की तर्ज पर न्यू पेंशन को वापस लें और पुरानी पेंशन बहाल करें।
गोलबाजार से घंटाघर तक पैदल मार्च कर पहुंचे कर्मचारी।
एक माह के अंदर बड़ा आंदोलन होगा
पुरानी पेंशन बहाली महासंघ के प्रांताध्यक्ष परमानंद डेहरिया और महासचिव देवेंद्र तिवारी ने कहा कि ये आंदोलन 2017 से एमपी में विजय कुमार बंधु की अगुवाई में चल रहा है। अभी तक हम बहुत ही छोटी संख्या में अनुशासित तरीके से अपनी बात सत्ता में बैठे लोगों तक पहुंचा रहे हैं। एक महीने के अंदर इसी संस्कारधानी में एक लाख कर्मचारी एकत्र होगा। सीएम व पीएम से निवेदन हैं कि वे पुरानी पेंशन बहाल कर हम कर्मचारियों की पीड़ा को समझें।
एनपीएस का दुष्परिणाम बताया
प्रदर्शन में शामिल नितिन अग्रवाल, मुकेश सिंह, हिमांशु कुमार, अनिल गुप्ता, गोपाल मीणा, यशवंत सिंह सहित अन्य ने बताया कि पूरे देश में हम 80 लाख कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम में हैं। इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। अनुकंपा के आधार पर नौकरी ज्वाइन कर सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी को एक हजार तो किसी को 1200 रुपए बन रही है। दुर्भाग्य ये कि जीवन भर इतनी ही मिलती रहेगी। इसमें डीए या पे-कमीशन नहीं होगा।