शनिवार को न्यायालय परिसर में मध्यस्थता व जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए द्वितीय जिला न्यायाधीश व विधिक सेवा समिति अध्यक्ष वैभव सक्सेना ने कहा कि मध्यस्थता प्रक्रिया सरल एवं निष्पक्ष आधुनिक प्रक्रिया है। इनके द्वारा मध्यस्थ अधिकारी दबाव रहित वातावरण में दोनों पक्षों के विवादों का निपटारा करते हैं। विवाद का हमेशा के लिए प्रभावी व सर्वमान्य समाधान होता है।
समाधान में दोनों पक्षों की सहमति को महत्व दिया जाता है। उन्होंने बताया कि मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से प्रकरण का त्वरित निराकरण होता है व समय पर खर्चे की भी बचत होती है। इस दौरान हमें न्यायिक प्रक्रिया से राहत मिलती है व आपसी संबंध में भी मधुर बने रहते हैं।
मध्यस्थता के माध्यम से विवाद निपटने से वादी कोर्ट फीस एक्ट के तहत पूरा न्यायालय शुल्क वापस पाने का हकदार हो जाता है। इस दौरान न्यायाधीश सुनीता गोयल, भावना जाटव, अभिभाषक संघ के उपाध्यक्ष धमेंद्र भारती आदि मौजूद थे।