ग्वालियर में पंचायत चुनाव अब अहम का चुनाव बन गया है। कई पंचायतों में रिश्तों का टकराव हो रहा है। कहीं सास के सामने बहू दावेदारी कर रही है, तो कहीं जेठानी के सामने देवरानी खड़ी है। कहीं-कहीं भाई के सामने भाई चुनौती देता नजर आ रहा है। यह समीकरण अपने आप में पंचायत चुनाव को काफी रोचक बना देते हैं। हालांकि, अभी तो आवेदन हुए हैं। 10 जून तक इनको वापस भी लिया जा सकता है। अभी तक की स्थिति में यह रिश्ते एक दूसरे के सामने टक्कर देते नजर आ रहे हैं। यह समीकरण किसी एक या दो ग्राम पंचायत में नहीं है बल्कि, हर पांचवीं पंचायत में बन रहे हैं।
सरसपुरा में सास-बहू, देवरानी-जेठानी की टक्कर
मुरार जनपद की ग्राम पंचायत सरसपुरा में सबसे ज्यादा नामांकन आवेदन आए हैं। सरपंच के लिए 12 आवेदन आए हैं। इनमें से 5 एक ही परिवार के हैं। यहां से सिंधिया समर्थक भाजपा नेता बैजनाथ सिंह घुरैया की पत्नी रामवती घुरैया ने सरपंच के लिए आवेदन किया है। यह महिला सीट है। यहीं से उनकी बहू ओमकेश पत्नी यादवेन्द्र सिंह ने भी पर्चा दाखिल किया है। यहां तक तो ठीक था। इसके बाद यहां से ओमकेश की देवरानी किरन पत्नी अर्जुन और प्रीति पत्नी शैलेन्द्र भी सामने दावेदारी करती नजर आ रही हैं। अब देखते हैं 10 जून तक कौन-कौन नाम वापस लेता है, लेकिन किसी ने नाम नहीं लिया तो इस ग्राम पंचायत पर मुकाबला बड़ा ही रोचक होने वाला है।
रौना पंचायत में भाई-भाई के सामने
मुरार जनपद की है रौरा ग्राम पंचायत में भाई ने भाई के सामने नामांकन पर्चा दाखिल किया है। यहां सरपंच पद के लिए रामेन्द्र के सामने उनके भाई रमेश हैं। घर में ही सरपंच के लिए लड़ाई जारी है। इसके अलावा रसीदपुर में भी छोटी व बड़ी बहू आमने सामने हैं।
13 पद के लिए मैदान में 183 उम्मीदवार
जिला पंचायत ग्वालियर में 13 पद हैं। इसके लिए नामाकंन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 13 पदों के लिए 183 उम्मीदवारों ने नामांकन पर्चा दाखिल किया है। सबसे ज्यादा चुनौती वार्ड-1 में होगी। यहां एक पद के लिए 22 उम्मीदवार हैं, जबकि सबसे कम नाम वार्ड क्रमांक-8 में रहे हैं। यहां एक पद के लिए आठ उम्मीदवार ही मैदान में आए हैं। अब मंगलवार को इन नामांकन आवेदन की जांच की जारी है। सोमवार को 6 जून को आखिरी दिन था और इस दिन जिला पंचायत सदस्यों के लिए 87 नामांकन पर्चे भरे गए हैं।