सीहोर में बाढ़ की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों व पूर्व तैयारियों के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कुशल प्रबंधन से आपदा के दौरान जान-माल की हानि को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारियों की तैयारी इस प्रकार होनी चाहिए कि किसी भी समय किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों में समन्वय होना चाहिए।
कलेक्टर ने सूचना तंत्र को सक्रिय बनाने के लिए कोटवार, पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक तथा अन्य कर्मचारियों का नेटवर्क तैयार कर सक्रिय रखने के निर्देश दिए ताकि आपदा की तुरंत सूचना प्राप्त हो और जल्द से जल्द राहत की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने आपदा के समय प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए शासकीय भवनों एवं स्थानों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए ताकि अस्थायी शिविर बनाए जा सकें। नर्मदा किनारे के गोताखोरो के मोबाइल नम्बर व नाव की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सम्पर्क किया जाए। बैठक में संयुक्त कलेक्क्टर सतीश राय, बृजेश सक्सेना सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही बैठक में सभी एसडीएम एवं तहसीलदार वीसी के माध्यम से जुड़े।
संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी
कलेक्टर ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित एवं वर्षा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों की सूची तैयार करले तथा बारिश के समय उन स्थानों की सतत जानकारी प्राप्त करते रहें। कलेक्टर ठाकुर ने सभी एसडीएम एवं होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट को निर्देश दिए कि बाढ़ आपदा में उपयोग में आने वाले उपकरण एवं सामग्रियों का परीक्षण कर देख ले कि वह चालू है अथवा नहीं। साथ ही उन्होंने मोटरबोट, स्पीडबोट, लाइफ जैकेट, टार्च, सामग्रियों उपलब्धता की जानकारी लेते हुए प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।