बच्चों के टीकाकरण के दूसरे डोज में पिछड़ा धार 38 हजार बच्चों तक पहुंचना बना चुनौती, केंद्रों पर नहीं आ रहे बच्चे तो घर-घर जाकर लगा रहे हैं वैक्सीन

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कोरोना संक्रमण का प्रभाव जरूर कम हो चुका हैं, किंतु इससे बचाव को लेकर वैक्सीनेशन का काम अभी जारी है। हालांकि कोरोना की रफ्तार कम होते ही टीकाकरण की गति भी धीमी हो चुकी हैं, अब केंद्रों पर वैक्सीन के डोज लगाने के लिए कम ही लोग पहुंच रहे है। 12 से 14 उम्र के बच्चों के दूसरे डोज को समय पर लगाने में धार पिछड़ चुका है, पहला डोज लगाने में जरूर बच्चों ने रुचि दिखाई। किंतु 28 दिन बाद दूसरा डोज लगाने का समय आने के बाद भी बच्चें केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे है। ऐसे में अब टीकाकरण टीमें घर-घर पहुंचकर लक्ष्य हासिल करने की कोशिश में लगी हुई है।मोबाइल टीकाकरण टीमों की भी मदद ली जा रही हैं। तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शेष रहे बच्चों पर विशेष फोकस कर कोर्बोवैक्स का टीका लगाया जा रहा है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहला डोज जिले में 96 हजार 296 बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके विपरीत 99 हजार 940 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। इसी तरह तय लक्ष्य के हिसाब से दूसरे डोज को लगाने का क्रम जारी है। किंतु अब तक 57 हजार 613 बच्चों को ही सेकंड डोज लगा है। अब 38 हजार बच्चों तक पहुंचना विभाग के लिए चुनौती बन चुका है। क्योंकि प्रथम डोज धार की टीम ने तय समय पर पूरा कर लिया था। अब दूसरे डोज में गति धीमी हो चुकी है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सुधीर मोदी के अनुसार पहला डोज बच्चों काे समय पर लगाया गया, किंतु दूसरे डोज का समय निकलने के बाद भी बच्चें केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे है। जिसके चलते अब घर-घर जाकर टीमें टीके लगा रही हैं। 38 हजार बच्चों को दूसरा डोज लगना अभी शेष है।

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