ग्वालियर में 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर केंद्रीय जेल से 45 बंदियों को रिहा किया गया है। इनमें से 33 बंदियों की रिहाई जेल प्रशासन की अनुशंसा के बाद शासन के आदेश पर की गई है, तो वहीं 12 कैदी ऐसे भी रिहा किए गए हैं, जिन पर मामूली अपराध थे। वे जुर्माना नहीं भरने के कारण बंद थे। इन बंदियों को जेल प्रशासन ने माला पहनाकर विदा किया।
केंद्रीय जेल से प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर अच्छे आचरण के चलते कैदियों को रिहा किया जाता है। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 33 कैदियों को सरकार मुहर लगने के बाद छोड़ा गया है। इनकी रिहाई के लिए रोटरी क्लब आगे आया है।
जेल से रिहा हुए 45 कैदियों को जेल प्रबंधन महेश प्रसाद टिकारिया ने माला पहनाकर भोजन के पैकेट और मेहनताना देकर विदा किया है। साथ ही, उन्हें संकल्प दिलाया कि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर जीवन यापन करेंगे। जेल से रिहा होने पर बंदियों के चेहरे पर घर जाने की खुशी नजर आ रही थी।
जेल से रिहा हुए बंदी रामसेवक का कहना था कि 16 साल बाद वह छूट गए हैं। उन्होंने जो जेल में 16 साल मेहनत की है, उसका मेहनताना नहीं मिला है। जेल प्रशासन का कहना है कि उसकी मेहनताना राशि बाद में दे दी जाएगी, लेकिन बाकी कैदियों को चेक मिल गए हैं। अब घर जाकर पिता की सेवा करेंगे। साथ ही, खेती भी देखेंगे।