चिकित्सा, शिक्षा, गैस राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सैकड़ाखेड़ी स्थित शहीद स्थल पहुंचकर ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय देवबगस की पत्नी द्रोपदी देवी को शाल और श्रीफल भेंट किए। सारंग और उपस्थित जनप्रतिनिधियों तथा नागरिकों ने स्वतंत्रता के शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण किया।
मंत्री सारंग ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केवल ध्वजारोहण ही नहीं बल्कि स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले ज्ञात अज्ञात शहीदों का स्मरण करना और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करना है।14 जनवरी 1858 को सीहोर में स्वतंत्रता के पहले संग्राम में 356 क्रांतिकारियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। अंग्रेजी शासन के खिलाफ मध्य भारत में चल रहे विद्रोह में सीहोर की बरबर्तापूर्ण घटना को जलियांवालाबाग हत्याकांड की तरह माना जाता है।
10 मई 1857 को मेरठ की क्रांति से पहले ही सीहोर में क्रांति की ज्वाला सुलग गईं थी। मेवाड़, उत्तर भारत से होती हुई क्रांतिकारी चपातियां 13 जून 1857 को सीहोर और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गयी थी। मंत्री सारंग ने कहा कि सीहोर का यह स्थल हम सबके लिए पवित्र स्थान है। इस अवसर पर विधायक सुदेश राय, जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मालवीय, सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर उपस्थित थे।