कोविड के बाद पूरी दुनिया में फिर से बज रहा है आयुर्वेद का डंका – शिवराज

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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड के बाद आयुर्वेद का डंका पूरी दुनिया में फिर से बज रहा है। कोविड प्रकोप काल में तो आयुर्वेद के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं सूझा। कोविड में एक ही रास्ता दिखा आयुर्वेद और योग। जब दुनियाभर में सभ्यता का उदय भी नहीं हुआ था, तब भारत में चार वेद रच दिए गए और आयुर्वेद पांचवां वेद है।

मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में पंचकर्म सेंटर का उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस केन्द्र के शुरू होने से पंचकर्म के लिए अब लोगों को केरल की यात्रा नहीं करना पड़ेगी। भोपाल में ही पांच स्टार होटल फैसिलिटी के बीच केरल के थैरेपिस्ट पंचकर्म करेंगे। मुख्यमंत्री ने कलियासोत डैम के किनारे देश के पहले सरकारी पंचकर्म सुपर स्पेशलिटी एवं वेलनेस केंद्र एवं रजत जयंती ऑडिटोरियम भवन का लोकार्पण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धनवंतरि को नमन और कन्याओं का पूजन कर किया। इस अवसर पर आयुष राज्यमंत्री राम किशोर कांवरे, सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, अन्य जनप्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के गांव-गांव में इलाज के लिए आयुर्वेद पर ही विश्वास किया गया। आयुर्वेद के माध्यम से गांव में ही जड़ी-बूटियों से बीमारियों का इलाज आसानी से होता रहा है। हमारे वैद्य इतने कुशल होते हैं कि नाड़ी से ही बीमारी का पता लगाकर इलाज करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो जिस दिन चौथी बार मुख्यमंत्री बना, उसके अगले दिन ही लॉकडाउन लग गया। कोरोना से जंग में आयुर्वेद सबसे महत्वपूर्ण सहायक सिद्ध हुआ। भविष्य में पूरा विश्व आयुर्वेद को अपनाएगा। आयुर्वेद की महत्ता आज पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है। आयुर्वेद के क्षेत्र में गहन शोध अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि एलोपैथ के क्षेत्र में पूरे विश्व में लगातार शोध हो रहे हैं। यदि हम आयुर्वेद में भी शोध को बढ़ावा देंगे, तो निरोग के संकल्प को बेहतर तरीके से साकार किया जा सकेगा। हमारी सरकार आयुर्वेद को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकर्म का यह नया कॉन्सेप्ट सचमुच में अद्भुत है। पंचकर्म से व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ करेंगे और उनके साइड इफेक्ट भी नहीं होंगे। बेटियों ने छात्रावास की मांग की थी, वह बन गया है। इस साल भांजों के लिए भी छात्रावास बजट में स्वीकृत कर दिया जाएगा। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक चिकित्सालय एक नए स्थान पर पहुंच गया है। यहां आयुर्वेद, पंचकर्म और योग का समन्वय करते हुए व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य की सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। यहां शोध प्रयोगशाला, ऑडिटोरियम व पंचकर्म की अत्याधुनिक व्यवस्था भी है।

आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि पंचकर्म आयुर्वेद उपचार का एक तरीका है। पंचकर्म का अर्थ पांच विभिन्न चिकित्साओं का मिश्रण है। यह सेंटर 10 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। आयुर्वेद कॉलेज में 150 बेड की पंचकर्म यूनिट संचालित हो रही है। यह देश का पहला पंचकर्म एवं वेलनेस यूनिट है जो सरकारी संस्थान में बनाया गया है।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि सेंटर में सोना बाथ और टब बाथ के साथ अत्याधुनिक शाॅबर भी लगाए गए हैं। आयुर्वेद कॉलेज में बने पंचकर्म एवं एंड वेलनेस सेंटर में लोग अपने काम की व्यवस्थता के बीच पंचकर्म भी करा सकेंगे। इसके लिए ओपीडी- वॉक इन फॉर रिजूविनेशन की सुविधा भी शुरू की गई है। पंचकर्म सेंटर यूनिट के बाथ टब में अलग-अलग टेम्परेचर और प्रेशर पर पानी में लोग स्नान कर सकेंगे। इसके लिए पैकेज तैयार किए गए हैं जिसमें वेट मैनेजमेंट, पैरी नेटल केयर, स्पाइन एंड ज्वाइंट केयर, पैरालिसिस मैनेजमेंट एंड रिहैबिलिटेशन, स्किल एंड ब्यूटी केयर, जीरियाटिक केयर, लाइफ स्टाइल डिसॉर्डर मैनेजमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की तरह की बुकिंग रहेंगी।

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