न्यूयॉर्क । अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में कैपिटोल हिल में शुक्रवार के शासन में रामायण की शिक्षाओं को एकीकृत करने पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें समकालीन भूराजनीति में सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर जोर दिया गया। एक गैर लाभकारी संगठन ‘हिंदूएक्शन’ द्वारा कैपिटोल हिल में ‘रामायण अक्रॉस एशिया एंड बियॉन्ड कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राजनयिक और सांसद शामिल हुए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सम्मेलन समकालीन भूराजनीति में सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर जोर देता है। इसका मुख्य संदेश आज के शासन में रामायण की शिक्षाओं को एकीकृत करना है।
अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी कार्यक्रम में शामिल हुए। संधू ने कहा, ‘‘यूएस कैपिटोल में कांग्रेस सदस्य मैक्स मिलर, श्री थानेदार और अमेरिका में थाइलैंड के राजदूत तानी संगरत के साथ ‘एशिया में रामायण : हिंद-प्रशांत की साझा सांस्कृतिक विरासत’ कार्यकम में शामिल होकर खुशी हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रामायण का कालातीत ज्ञान हिंद-प्रशांत और उससे आगे की भौगोलिक सीमाओं से परे है।’’ विज्ञप्ति के अनुसार, अफगानिस्तान के हजारा समुदाय के सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान से बौद्ध और हिंदू स्मारकों की रक्षा करने के अपने अनुभव साझा किए।