लखनऊ । बढ़ते शहरीकरण के साथ ही सॉलिड और लिक्विड वेस्ट का प्रबंधन भी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसे ध्यान में रखते हुए कूड़ा प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की तैयारी में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले हजारों टन कूड़े को प्रॉसेस करके न केवल सड़कें बनाई जा रही हैं, बल्कि वेस्ट टू वंडर योजना के तहत पार्कों का भी निर्माण किया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने विधानसभा में विस्तार से जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि कूड़ा प्रबंधन के मामले में उत्तर प्रदेश बेहतर स्थिति में है। इसके अलावा प्रदेश के नगरों की एयर क्वालिटी भी देश के तमाम शहरों से बहुत अच्छी है। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टन सॉलिड वेस्ट निकलता है, हालांकि अभी फिलहाल 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस किया जाता है। बताया कि सरकार इस क्षमता को तकरीबन दोगुना करते हुए 12 हजार टन प्रतिदिन का इजाफा करने जा रही है। प्रदेश में फिलहाल 933 एमआरएफ सेंटर हैं, जिनमें से 711 कार्यरत हैं, जहां सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस करने का कार्य हो रहा है।
प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिड वेस्ट को प्रॉसेस करते हुए इनसे सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। लखनऊ में न्यू हाईकोर्ट और पुलिस मुख्यालय की रोड को अबर्न वेस्ट को प्रॉसेस करके बनाया गया है। कूड़े को प्रतिदिन घरों से उठाकर एमआरएफ सेंटर में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और एयर प्रेशर से प्रॉसेस किया जाता है। प्रॉसेस्ड मैटेरियल का तीन प्रकार से उपयोग होता है। इसमें प्राइवेट वेंडर्स को प्लास्टिक का री-यूजेबल मैटेरियल देना, सड़कें बनाना और वेस्ट टू वंडर पार्क बनाने में उपयोग शामिल है। राजधानी लखनऊ में पांच एकड़ में वेस्ट टू वंडर पार्क के रूप में ‘यूपी दर्शन पार्क’ का निर्माण हुआ है, जो कूड़े के प्रबंधन का उत्कृष्ट मिसाल है। इसके अलावा हैपिनेस पार्क और आगरा, गोरखपुर, मीरजापुर सहित अन्य नगरों में वेस्ट टू वेंडर पार्क का निर्माण किया गया है।