सुसनेर-आगर मालवा। आगर जिले के सिविल अस्पताल की कार्यप्रणाली एक बार फिर विवादों के घेरे में है , लगातार लापरवाही की शिकायतें अस्पताल प्रबंधन की ओर से देखने को मिल रही है, गुरुवार को भी गो भक्तों की शिकायत के बाद अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है गो माता के नाम पर राजनीत कर रही भाजपा सरकार के गाल पर यह खबर तमाचा है , जी हां यह बात हम इस लिए कह रहे है कि यह तस्वीरें शासन के दो अलग अलग विभाग की पोल खोलते हुए नजर आ रही है , और यह बड़ी लापरवाही भी शासन के अधीनस्त स्वास्थ्य सेवा ओर पर्यावरण विभाग की है ,
! गायो के विजुअल बायो मेडिकल वेस्ट खाते हुए
दअरसल यह तस्वीरें आगर जिले के सिविल अस्पताल परिसर की है जहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से गो माता बायो मेडिकल वेस्ट को खाती हुई दिखाई दे रही है , बायो मेडिकल वेस्ट चिकित्सकीय कार्य के दौरान वेस्ट हुआ कचरा है जोकि ना सिर्फ संक्रमित रहता है साथ ही खुले में फेकने से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है, बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेकने से महामारी का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है , इसी वजह से शासन के निर्देश और वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार इस कचरे को विधिवद नष्टीकरण करने के आदेश शासन द्वारा दिए गया है , ओर इसका पालन नहीं करने वालो पर कानूनी कार्यवाही करने का भी प्रावधान है , लेकिन आगर जिले का सिविल अस्पताल प्रबंधन इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुएं दिखाई दे रहा है , जहां अस्पताल परिसर में ही बड़ी मात्रा में खुले आम बायो मेडिकल वेस्ट को फेंका जा रहा है , जिसकी खबर स्थानीय समाजसेवियों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अधिकारियों को दी जहां मौके पर जिले के प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष कुरील अपनी टीम के साथ पहुंचे और पंचनामा बनाकर वरिष्ठ कार्यालय को भेजने की बात कही
दरअसल आगर के सिविल अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेकने की यह घटना पहली बार नहीं है , पहले भी इसी प्रकार की खबर का प्रकाशन कर प्रशासन को अवगत करवाया था जिसपर पर्यावरण और वरिष्ठ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा कागजी कार्यवाही कर मामले में कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की थी। जिसके बाद गुरुवार को इस घटना के बाद सालरिया गो अभ्यारण के प्रमुख संत स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने अपनी कथा के दौरान शासन को घटना के बारे में अवगत कराते हुए कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। साथ ही इस घटना पर कटाक्ष करते हुए ऐसे प्रबंधन पर कसाई जैसे प्रवृति होने की बात कही है , ओर कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। आपको बता दे कि गुरुवार को अस्पताल परिसर में खुले तौर पर बायो मेडिकल वेस्ट की खबर समाजसेवी राजेश देसाई ने स्थानीय प्रशासन और पत्रकारों को दी थी जिसपर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे जिसके बाद अधिकारियों द्वारा सैंपल जब्त कर पंचनामा बनाया गया और प्रतिवेदन बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने की बात कही गई , समाज सेवी राजेश देसाई के अनुसार अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस प्रकार की लापरवाही पहले भी बरती जा चुकी है। जिसका खामियाजा गौमाताओं को भुगताना पड़ रहा।
बहरहाल इस मामले पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन शासकीय अस्पताल प्रबंधन द्वार इस प्रकार की लापरवाही बरतना गो माताओं पर भारी पड़ सकती है। इस सम्बंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी से दूरभाष पर सम्पर्क करना चाहा तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच करके सिविल सर्जन को सूचना पत्र दिया गया है संतोषजनक जवाब नही आने पर कार्यवाही की जाएगी। क्योंकि पूर्व में भी इस प्रकार का मामला आया था।
“में आज हाईकोर्ट पेशी पर गया हुआ था। पत्रकार बंधुओ के माध्यम से मुझे जानकारी मिली तो मैने जांच के लिए टीम भेजी जिसपर बड़ी मात्रा में इस प्रकार का कचरा खुले में बिखरा पड़ा हुआ था एवं जिनको गाये खा रही थी। जिस पर टीम द्वारा पंचनामा बनाकर सिविल सर्जन डाक्टर शशांक सक्सेना को सूचना पत्र जारी किया गया है।” – डाक्टर राजेश गुप्ता मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी, आगर मालवा