साइंटिफिक सिटी बनेगा उज्जैन:- मुंबई, चेन्नई के बाद उज्जैन में बनेगा आईआईटी का सेटेलाइट केंपस, यहां होगी इंडस्ट्रियल रिसर्च

उज्जैन के जनप्रतिनिधियों ने आज मंगलवार को तीन बड़ी घोषणाएं कीं। इनसे आने वाले पांच से दस सालों में उज्जैन पूरी तरह से इंदौर के समानांतर विकास करने वाला शहर बन जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि उज्जैन आईआईटी इंदौर का सेटेलाइट कैंपस खोला जाएगा। यह कैंपस अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध केंद्र के रूप में विकसित होगा। अपनी तरह का यह देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा। इसके साथ ही मेट्रो ट्रेन भी इंदौर से उज्जैन के रास्ते चलाई जाएगी।

इतना ही नहीं उज्जैन में एयरपोर्ट खोले जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन-इंदौर के बीच प्रस्तावित मेट्रो के सर्वे के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनुमति दे दी है। कहा कि मेट्रो आने के बाद उज्जैन-इंदौर एक ही शहर हो जाएंगे। डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जल्द ही एयरपोर्ट भी विकसित कर रहे हैं।

डॉ. यादव ने कहा हाल ही में उन्हें केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने बताया कि आईआईटी इंदौर ने सेटेलाइट कैंपस की स्थापना के लिए प्रारंभिक डीपीआर तैयार की है। यह कैंपस हर दृष्टि से पूर्ण होगा और प्रशासनिक, अकादमी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा। कैंपस में छात्रावास और शिक्षकों के लिए आवास भी होंगे। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध सुविधाएं एवं पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

आईआईटी इंदौर इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क:-

यह पार्क इंदौर उज्जैन और आसपास के सभी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों को शोध कार्य में मदद करेगा। स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करेगा। इसे टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के रूप में स्थापित किया जाएगा। जिसमें 100 से 150 से अधिक कंपनियां जोड़ी जा सकेंगी। अभी आईआईटी चेन्नई और आईआईटी मुंबई में ही ऐसे रिसर्च पार्क कार्य कर रहे हैं। आने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए इस पार्क के माध्यम से कार्य किया जाएगा। स्पोर्ट्स साइंस के उपयोग में आने वाली डिवाइसेज इक्विपमेंट पर भी यहां रिसर्च की जाएगी।

सेंटर फॉर वाटर :-

जल संसाधन प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा। जहां जल के संबंध में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ जल संसाधन पर शोध कार्य किया जाएगा। वाटर मैनेजमेंट पर आधारित पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। यह अपनी तरह का देश का पहला केंद्र होगा।

सेंटर फॉर इंडियन साइंटिफिक नॉलेज सिस्टम:-

भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देश का मॉडल बनेगा जिसमें कृषि, ज्ञान परंपरा, हॉलिस्टिक मेडिसिन, प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने जैसे विषय पर शोध होंगे।

जेपी नारायण सेंटर ऑफएक्सीलेंस इन इम्यूनिटीज :-

इस केंद्र के अंतर्गत डिजिटल एनवायरमेंट डेवलपमेंट स्टडी पर नेशनल रिसर्च सेंटर और सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए ह्युमेनिटीज और सोशल साइंस एजुकेशन पर राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।

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