कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चो को मदद दिलाने में जबलपुर अव्वल

कोरोना काल के दौरान अपने माता और पिता को खो चुके बच्चों की मदद करने में जबलपुर अव्वल रहा है। जबलपुर ने इन बच्चों को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के साथ उन्हें हरसंभव मदद की।

दरअसल प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना को लागू करने में जबलपुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। इस योजना के माध्यम से जबलपुर में 85 बच्चों को आर्थिक और खाद्य सुरक्षा दी गई, जो पूरे प्रदेश के अन्य शहरों में सर्वाधिक है। छिंदवाड़ा ने दूसरा और देवास जिले ने तीसरा स्थान हासिल किया है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एमएल मेहरा ने बताया कि सीएम कोविड-19 बाल सेवा योजना में ऐसे बच्चे पात्र हैं, जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है। ऐसे बच्चों के माता-पिता की एक मार्च से 30 जून 2021 तक की अवधि के दौरान कोविड-19 से मृत्यु हो गई हो अथवा माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है। दूसरे की मृत्यु कोविड-19 से मृत्यु हुई है।

हर माह पांच हजार की दी जा रही मदद: इस योजना में जिले में 85 बच्चों को चिन्हित किया गया है। इसमें इन बच्चों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये की मासिक सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही इनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के जरिए हर माह राशन भी दिया जा रहा है। कक्षा पहली से स्नातक तक इन्हें नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की भी सुविधा दी गई है। इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पांच हजार रुपये की सहायता राशि उनके संरक्षक के साथ संयुक्त खाते में जमा कराई जा रही है।

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