कोरोना टीकाकरण महाअभियान रविवार को ठप रहा। इस दिन जिले में बमुश्किल 200 टीके लगे। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सोमवार से टीकाकरण में तेजी लाई जाएगी, लेकिन इसके लिए व्यवस्था में क्या बदलाव किया जाएगा यह किसी को नहीं पता।
इधर 15 से 18 आयुवर्ग के बच्चों को तलाशना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। जिले में इस आयु वर्ग के 50 हजार से ज्यादा बच्चे हैं जिन्हें अब तक कोरोना का पहला टीका ही नहीं लग सका। 31 जनवरी से बच्चों को कोरोना का दूसरा टीका लगना शुरू हो जाएगा। विभाग को इसके पहले 15 से 18 आयुवर्ग के शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण करना है। यानी विभाग के सामने छह दिन में 50 हजार से ज्यादा बच्चों को टीके लगाने की चुनौती है।
तीन जनवरी से 15 से 18 आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ है। शुरुआती तीन दिन तो अभियान जोर-शोर से चला लेकिन इसके बाद यह धीमा पड़ने लगा। हालात यह है कि फिलहाल रोजाना हजार-दो हजार बच्चों को ही टीके लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फिलाहल इस आयुवर्ग के 50 हजार से ज्यादा बच्चे हैं जिन्हें अब तक टीका नहीं लगा है। विभाग अब स्कूली शिक्षा विभाग के साथ मिलकर आंगनवाड़ियों में टीकाकरण शिविर लगाएगा। इसके अलावा मोबाइल वैन भी चलाई जाएगी। विभाग के सामने चुनौती टीकाकरण से बचे बच्चों को तलाशने की है। दरअसल कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है। बड़ी संख्या में परिवार इंदौर से अपने मूल स्थानों को लौट गए हैं। यही वजह है कि बच्चों को तलाशना मुश्किल हो रहा है।
सतर्कता डोज में भी चल रही है लापरवाही
सिर्फ बच्चों के टीकाकरण ही नहीं सतर्कता डोज को लेकर भी लोग गंभीर नजर नहीं आ रहे। जिले में रविवार शाम तक सिर्फ 45 हजार लोगों को सतर्कता डोज लग सकी है, जबकि पात्र लोगों की संख्या इससे दोगुनी है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग तो ठीक अब तक शत प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को ही सतर्कता डोज नहीं लग सकी है। जिला प्रशासन ने सतर्कता डोज को लेकर सख्ती शुरू की भी है लेकिन इसका कितना असर होगा यह तो सोमवार से शुरू होने वाला सप्ताह ही बताएगा।
31 से लगने लगेगा बच्चों को दूसरा टीका
15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को कोवैक्सीन लगाई जा रही है। तीन जनवरी से बच्चों को टीका लगना शुरू हुआ था। 28 दिन बाद बच्चे दूसरा टीका लगवा सकते हैं। यानी जिन बच्चों ने तीन जनवरी को पहला टीका लगवाया था वे 31 जनवरी को कोरोना का दूसरा टीका लगवाने के लिए पात्र हो जाएंगे