जबलपुर- चार दिनों से मरीजों की घटती संख्या से अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है। जिससे स्पष्ट होता है कि कोरोना की तीसरी लहर पहली से तेज व दूसरी लहर से कमजोर रही।
पहली लहर में कोरोना संक्रमण के पीक में अगस्त-सितंबर 2020 के बीच 5 हजार 791 मरीज मिले थे। दूसरी लहर में कोरोना का पीक मार्च अप्रैल 2021 में आया था। तब एक माह में सर्वाधिक 17 हजार 835 नए मरीज सामने आए थे। तीसरी लहर में जनवरी 2022 में 28 दिन में 11 हजार 487 मरीज मिले। खास बात यह है कि तीसरी लहर में पीक आने से पहले सप्ताह दर सप्ताह नए मरीजों की संख्या में कमी सामने आई।
दूसरे सप्ताह पांच गुना से ज्यादा बढ़े मरीज: कोरोना की तीसरी लहर जनवरी माह से प्रारंभ हुई। जिसके पहले सप्ताह में 307 नए मरीज मिले। जिसके बाद दूसरे सप्ताह मरीजों की संख्या में 5-6 गुना वृद्धि हुई और मरीजों का आंकड़ा एक हजार 736 जा पहुंचा। तीसरे सप्ताह में संक्रमण की रफ्तार पहले व दूसरे सप्ताह की तुलना में अपेक्षाकृत कम रही। इस अवधि में मरीजों की संख्या में 2-3 गुना तक वृद्धि हुई। तीसरे सप्ताह संक्रमण की रफ्तार और कमजोर पड़ी। करीब दो गुना वृद्धि के साथ मरीजों का आंकड़ा 3 हजार 904 तक पहुंचा। माह के चौथे सप्ताह में कोरोना संक्रमण एक गुना रफ्तार भी नहीं पकड़ पाया। और नए मरीजों की संख्या 5 हजार 540 पर जा टिकी।
कोरोना की वैक्सीन ने बचाई जान: चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन के कारण तीसरी लहर कमजोर साबित हुई। जिले में 16 जनवरी 2021 से कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। 15 से 18 वर्ष के किशोरों को छोड़कर जिले में पात्र हितग्राहियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। इतना ही नहीं हेल्थे केयर व फ्रंट लाइन वर्कर को लक्ष्य से अधिक वैक्सीन की तीसरी डोज दी जा चुकी है। जिला टीकाकरण अधिकारी डा. एसएस दाहिया का कहना है कि यह कहना गलत न होगा कि वैक्सीन ने कोरोना का जोखिम कम कर दिया। वैक्सीन लगने से नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई जिससे कोरोना की तीसरी लहर कमजोर पड़ी।
ऐसे समझें-
समयावधि नए मरीज
- 1-7 जनवरी 307
- 8-14 जनवरी 1736
- 15-21 जनवरी 3904
- 22-28 जनवरी 5540