चाॅकलेट, जो स्वाद में भी बेहतर हो और जिसे खाने से शुगर, पाचन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सके। साथ ही आंतों में मजबूती आ सके। कई गुणों से भरपूर ऐसी ही चाॅकलेट बनाई है जीवाजी यूनिवर्सिटी की छात्रा चांदनी राॅय ने। जेयू के एमएससी फूड टेक्नाॅलाॅजी के तीसरे सेमेस्टर की छात्रा चांदनी ने लेबोरेटरी में प्रो-बायोटिक डार्क चाॅकलेट बनाकर तैयार की है। लगभग दो घंटे में बनकर तैयार होने वाली यह चाॅकलेट कई गुणों से भरपूर है और इसे बनाने में खर्च भी ज्यादा नहीं है। यह चाॅकलेट चांदनी ने विभाग के हेड प्रो. जीबीकेएस प्रसाद के मार्गदर्शन में तैयार की है।
ऐसे होती है तैयार
मिल्क पाउडर और कोको पाउडर को मिक्स करके कुछ देर रखें। इसके बाद सामान्य बटर मिक्स करें और थोड़ी देर बाद इस मिक्सचर में प्रो-बायोटिक मिलाएं। इस मिश्रण को डेढ़ से दो घंटे तक मोल्ड में डालें।
बैक्टीरियल डिसीज को कर सकती है कंट्रोल
चांदनी ने बताया कि इस चाॅकलेट के सेवन से शरीर में बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को संतुलित किया जा सकता है। यह चाॅकलेट आंतों को मजबूत करने में सहायता करनी है। यह पाचन को संतुलित करती है। इससे भूख भी अच्छी लगती है। इसके अलावा यह शरीर के अंदर वसा अथवा फैट को भी कंट्रोल करने में मुख्य भूमिका निभाती है। यह चाॅकलेट पूरी तरह से शुगर फ्री है। इस प्रो-बायोटिक डार्क चाॅकलेट को तैयार करने के लिए इसका क्वालिटेटिव व क्वांटिटेटिव एनालिसिस किया गया और पाया गया कि इसमें तैयार करने के लिए सभी कंटेंट उचित मात्रा में मिलाए गए हैं।
इस चाॅकलेट को आमजन तक पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इसका फायदा सभी को मिल सके। इसे कमर्शियल करने से पहले इसका प्रोजेक्ट बनाकर आयुष विभाग को भेजा जाएगा। -प्रो. जीबीकेएस प्रसाद, हेड फूड टेक्नोलॉजी विभाग, जेयू