राजधानी के निजी स्कूल अब भी पूरी क्षमता के साथ संचालित नहीं हो रहे हैं। शासन के निर्देश के बाद भी निजी स्कूल आनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं।
वहीं कुछ सीबीएसई स्कूलों की परीक्षाएं चल रही है। ऐसे में स्कूल प्रशासन अभिभावकों से कापी जमा कराने के दौरान पूरी फीस जमा करने का दबाव डाल रहे हैं। स्कूल प्रशासन अभिभावकों से एक आवेदन ले रहे हैं, जिसमें उन्हें बताना होगा कि वे फीस पूरी कब तक जमा करेंगे। इससे अभिभावक परेशान होकर जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) और मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास शिकायत कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि साल भर स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई कराई गई तो अब स्कूलों को सिर्फ शिक्षण शुल्क ही लेना चाहिए। यहां तक कि जिन अभिभावकों ने शासन के आदेश पर साल भर का शिक्षण शुल्क एकमुश्त जमा कर दिया था। उनसे भी पूरी फीस मांगी जा रही है। भेल स्थित जवाहर लाल नेहरू स्कूल की काफी शिकायतें डीईओ और बाल आयोग के पास पहुंची हैं। कुछ ऐसा ही विंध्याचल एकेडमी, सागर पब्लिक स्कूल, कार्मल कान्वेंट सहित अन्य स्कूलों की शिकायतें डीईअे के पास पहुंची है।
जुलाई से स्कूल खुलने के ऐसे बदलते रहे हालात
कोरोना काल के संक्रमण के बाद बीती जुलाई से 11वीं, 12वीं कक्षा से स्कूलों के खोलने की शुरुआत की गई थी। इसके बाद बीते अगस्त में छठवीं तक स्कूलों में कक्षाएं शुरू की गई। 19 सितंबर से पहली से 50 फीसद क्षमता के साथ स्कूलों को खोलने के आदेश जारी हुए। 17 नवंबर को मुख्यमंत्री ने फिर से शैक्षणिक संस्थाओं को सौ फीसद क्षमता के साथ खोलने के निर्देश दिए। साथ ही आनलाइन क्लास को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। सीएम के निर्देश तीन दिन दिन बाद 20 नवंबर को विभाग ने पूरी क्षमता के साथ स्कूलों को खोलने के आदेश दिए। फिर 28 नवंबर को एक बार फिर से पचास 50 फीस क्षमता के साथ स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए थे।
10 मार्च तक अभिभावकों को फीस जमा करना है
भेल स्थित जवाहर स्कूल में अभिभावकाें को मैसेज कर 10 मार्च तक फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है। बच्चों से घर से कापियां लिखवाई जा रही है, लेकिन जमा करने के लिए अभिभावकों को बुलाया जा रहा है।
-मेरा बेटा सातवीं कक्षा में है। अभी आनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही है। मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र आनलाइन भेजे जा रहे हैं, लेकिन कापियां स्कूल में जमा करनी होगी। स्कूल से लगातार मैसेज आ रहे हैं कि 10 मार्च तक फीस जमा कर दें, नहीं तो बच्चे का रिजल्ट तैयार नहीं होगा। सुरेंद्र शर्मा, अभिभावक
– अक्टूबर में इस सत्र की पूरी फीस जमा कर दी थी। जब नवंबर में विभाग ने आदेश जारी किया कि पूरी फीस लगेगी तो स्कूल से अन्य शुल्क जोड़कर 12 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। शालिनी गुप्ता, अभिभावक