जिले में कोरोना की तीसरी लहर क्षीण हो चुकी है। मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है, लेकिन इसके बावजूद जांच की सुविधाएं कम नहीं की जाएंगी।
जिले के सरकारी अस्पतालों में फिलहाल 48 फीवर क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। इनमें कुछ क्लीनिक में हर दिन 50 से कम लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं, इसके बाद भी सभी फीवर क्लीनिक संचालित होते रहेंगे। फीवर क्लीनिकों में हर दिन करीब छह सौ लोग ही जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि भोपाल में हर दिन छह हजार सैंपल लेने का लक्ष्य है। ऐसे में रानी कमलापति स्टेशन, भोपाल और संत हिरदाराम नगर स्टेशन में मिलाकर हर दिन दो हजार से 2200 सैंपलों की जांच की जा रही है। इसके अलावा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी औचक सैंपलिंग की जाती है। कई बार तो विवाद की स्थिति भी बनती है। सैंपल कम होने का फायदा यह है कि मरीजों को जांच रिपेार्ट भी अगले दिन सुबह पता चल जा रही है। फीवर क्लीनिकों में करीब 10 प्रतिशत ऐसे लोग जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं, जिन्हें किसी और कारण से कोविड निगेटिव प्रमाण पत्र की जरूरत है।
तीसरी लहर में भोपाल में पहली बार 50 से नीचे आई कोरोना मरीजों की संख्या
भोपाल में तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या पहली बार 50 से नीचे आई है। मंगलवार को 4190 सैंपलों की जांच में भोपाल में 36 मरीज मिले हैं। सोमवार को 4701 सैंपलों की जांच में 64 मरीज मिले थे। मंगलवार को एक मरीज की मौत भी हुई है। सोमवार को भी एक ने दम तोड़ दिया था। उधर, प्रदेश में सोमवार को 60 हजार 794 सैंपलों की जांच में 319 मरीज मिले हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में सामने आई है।
कोरोना के रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या 50 से नीचे आ गई है। मरीज लगातार कम हो रहे हैं। इसके बाद भी अभी सभी फीवर क्लीनिक चालू रखेंगे। इसी तरह से टीकाकरण भी अस्पतालों में जारी रहेगा। हां, कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जाएगा।
– डा. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल