वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने बुधवार को 83 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वे पिछले काफी वक्त से कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें सिनेमा का एनसाइक्लोपीडिया माना जाता था। वे बीते 26 सालों से ‘दैनिक भास्कर’ में ‘परदे के पीछे कॉलम’ लिख रहे थे। उन्होंने उपन्यास ‘दराबा’, ‘महात्मा गांधी और सिनेमा’ और ‘ताज बेकरारी का बयान’ भी लिखे। ‘उमाशंकर की कहानी’, ‘मनुष्य का मस्तिष्क और उसकी अनुकृति कैमरा’ और ‘कुरुक्षेत्र की कराह’ उनकी कहानियां हैं।