इंदौर पुलिस द्वारा एक ऐसा सिटीजन कॉप फाउंडेशन ने सिस्टम विकसित किया है जो अपराध नियंत्रण के लिए, मील का पत्थर साबित हो सकता है।
इसमें सिर्फ एक छोटी सी थंब इंप्रेशन मशीन होगी, जिसे स्मार्टफोन एप से जोड़ा जा सकेगा। चेकिंग के दौरान किसी भी संदिग्ध का फिंगर प्रिंट यदि पुलिस के पास पहले से मौजूद डाटा से मेल खाता है तो उसकी सारी जानकारी चंद सेकंड में स्क्रीन पर आ जाएगी।
दरसअल, मौजूदा फिंगर प्रिंट मैचिंग की प्रक्रिया लंबी है और बड़े सेटअप की भी जरूरत पड़ती है, लेकिन इंदौर पुलिस द्वारा विकसित फिंगर प्रिंट बेस क्रिमिनल रिकॉर्ड डाटा फेचिंग सिस्टम’ को कहीं भी ले जाया जा सकेगा। बस मोबाइल नेटवर्क होना चाहिए। किसी भी संदिग्ध के फिंगर प्रिंट का मिलान करने के लिए लगभग तीन-चार हजार की एक थंब इंप्रेशन मशीन के जरिए स्मार्टफोन से जोड़ना होगा। फिंगर प्रिंट लेते ही उसकी जानकारी मुख्य सर्वर पर मौजूद डाटा तक पहुंचेगी। इस जानकारी का यदि किसी अपराधी से मिलान होता है तो उसके अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नाम-पते, फोटो, मोबाइल नंबर आदि सहित मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। यह सिस्टम तीन महीने में विकसित किया गया है। जिसको पुलिस कमिश्नरी के अंतर्गत आने वाले दिनों में इंदौर के 35 थानों में इस थंब इंप्रेशन मशीन को दी जाएगी
वही इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया हैं कि इसका सबसे बड़ा फायदा गली चौराहों पर चेकिंग के दौरान मिलेगा। संदिग्ध की तुरंत धरपकड़ की जा सकेगी। हम स्थाई वारंटियों, जिलाबदर, ड्रग पेडलर, ड्रग एडिक्ट, जेल से छूटने वालों, करीबी जिलों के वाहन चोरों का डाटा एकत्र कर रहे हैं। जल्द ही हमारे पास 10 हजार बदमाशों का रिकॉर्ड होगा। एप विकसित करने वाले इंदौर पुलिस ने करीब 5000 फिंगर प्रिंट का डाटा कलेक्ट कर लिया है अगर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के पास मौजूद डाटा को जोड़ दिया जाए तो 6-7 लाख अपराधियों की कुंडली सिर्फ एक फिंगरप्रिंट से पुलिस के सामने आ सकती है।