मां नर्मदा के आंचल को मैला करने का सबसे बड़ा दाग जबलपुर के माथे पर है। इस दाग को धोने के लिए जबलपुर नगर नगम ग्वारीघाट में 100 केएलडी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जा रहा है। इसकी निविदा जारी कर दी गई है। निगम को भरोसा है कि छह महीने में ये ट्रीटमेंट प्लांट चालू हो जाएगा।
नगर निगम की ओर से ग्वारीघाट के सिद्धघाट में एक ट्रीटमेंट प्लांट पहले से स्थापित किया गया है। पर यहां आने वाले नाले की गंदगी इसकी क्षमता से कहीं अधिक है। ग्वारीघाट में जहां रोज हजारों लोग दर्शन और स्नान-ध्यान करने पहुंचते हैं। वहीं मां नर्मदा का आंचल सबसे अधिक गंदा हो रहा था। प्रदेश में नर्मदा जल में 164 एमएलडी प्रदूषण मिलता है। इसमें 136 एमएलडी प्रदूषित जल जबलपुर में मिलता है।
अभी और प्रयास की जरूरत
जबलपुर नगर निगम कमिश्नर आशीष वशिष्ठ की पहल पर ग्वारीघाट के सिद्धघाट में मिल रहे गंदे नाले के उपचार के लिए 100 केएलडी क्षमता का मल-जल-शोधन संयंत्र स्थापित करने की कवायद शुरू की गई है। कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि नर्मदा नदी के किनारे दरोगा घाट में मिलने वाले नाले के गंदे जल के उपचार हेतु 150 केएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट एण्ड रिसाइकिलिंग प्लांट (एसटीआरपी) अप्रैल 2012 में स्थापित किया गया था। क्षमता कम पड़ने पर वर्ष 2017 में इसी स्थल पर 400 केएलडी क्षमता का नया एसटीपी स्थापित किया गया है। इस प्रकार कुल क्षमता 550 केएलडी हो गई है। दोनों प्लांट लगातार कार्यरत है।
खारीघाट में चल रहा काम
खारीघाट पर मिल रहे गंदे नाले के लिए अमृत योजनांतर्गत दरोगाघाट जाने वाले मार्ग में एक एमएलडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन निर्माण का कार्य चल रहा है। इस पंपिंग स्टेशन में आसपास के रहवासी क्षेत्रों का सीवर भी जोड़ा जायेगा। इसके लिए सीवर लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस पंपिंग स्टेशन से सीवर पंप करके ललपुर क्षेत्र में निर्माणाधीन 34 एमएलडी क्षमता वाले मल-जल शोधन संयंत्र में ले जाकर उसे शुद्धीकरण किया जायेगा। यह कार्य 6 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
खारीघाट में मिलने वाले नाले को अस्थाई रूप से मिट्टी का मेड़ बनाकर रोका गया था
नर्मदा जयंती के अवसर पर खारीघाट पर मिलने वाले नाले को अस्थाई रूप से मिट्टी की मेड बनाकर बांध दिया गया था। जिससे नर्मदा जयंती के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। इस नाली में पानी के भराव होने से अस्थाई रूप से बनाई गई मिट्टी की मेड टूट गई है। तत्कालिक रूप से नाले में फिल्टर मीडिया डालकर पुनः मेड बनाकर व्यवस्था की जा रही है।