सुपर कारिडोर पर इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का डिपो 400 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। मेट्रो रेल का डिपो सुपर कारिडोर पर गांधी नगर के पास बनाया जाएगा।
इसके लिए मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोेरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) ने लखनऊ की एक कंपनी को ठेका दे दिया है। डिपो में लगभग सवा किलोमीटर लंबा टेस्टिंग ट्रैक भी बनाया जाएगा। मेट्रो ट्रेन को मुख्य ट्रैक पर चलाने से पहले इस ट्रैक पर चलाकर उसकी टेस्टिंग की जाएगी।
डिपो में ट्रेन के डिब्बों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस शेड भी बनाया जाएगा। मेट्रो कंपनी का प्रशासनिक भवन भी डिपो परिसर में ही बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मेट्रो के डिपो के लिए वन विभाग की 32 हेक्टेयर जमीन पहले ही ली जा चुकी है। इसके अलावा कुछ हिस्सा गांधी नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था का भी आ रहा है। संस्था ने यह जमीन देने की सहमति भी शासन को दे दी है। एमपीएमआरसीएल ने इस जमीन पर भी अपना कब्जा ले लिया है। संस्था की इस जमीन पर कुछ सदस्यों को पहले ही भूखंड की रजिस्ट्री की जा चुकी है।
इनमें से 20 सदस्यों के भूखंड तो छोड़ दिए गए हैं जो मेट्रो डिपो के लिए गैर जरूरी है, लेकिन चार ऐसे भूखंड आ रहे हैं जिनको मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए लेना अनिवार्य हो गया है। इस कारण इन चार भूखंडों के समायोजन के लिए प्रशासन के स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। इन सदस्यों से आपसी सहमति के आधार पर या भूमि अधिग्रहण करके भूखंड की यह जमीन ली जा सकती है।
मेट्रो ट्रेन के एलिवेटेड कारिडोर पर कांक्रीट के सेगमेंट की लांचिंग शुरू
उधर एमआर-10 पर निर्माणाधीन मेट्रो ट्रेन के एलिवेटेड कारिडोर पर दो खंभों के बीच सोमवार को कांक्रीट के सेगमेंट की लांचिंग का मुहूर्त किया गया। एमआर-10 ब्रिज के पास अंतरराज्यीय बस अड्डा (आइएसबीटी) के पास सेगमेंट की लांचिंग प्रक्रिया शुरू की गई। यहां सीमेंट के विशाल खंभों के बीच क्रेन से लोहे का ग्राउंड सपोर्टिंग सिस्टम लगाकर कांक्रीट सेगमेंट की लांचिंग शुरू की गई। एमआर-10 ब्रिज से लेकर चंद्रगुप्त चौराहा और सुखलिया के बीच कई खंभे खड़े हो चुके हैं। सुखलिया से विजय नगर के बीच भी इस समय तेजी से काम चल रहा है।