इंदौर के नजदीक पातालपानी का होगा विकास

पातालपानी के विकास को लेकर कवायद तेज हो गई है। पर्यटकों को अब प्राकृतिक नजारे देखने के साथ इतिहास को जानने का मौका भी मिलेगा। पातालपानी में दो गजीबो और पार्किंग का निर्माण किया जा चुका है

अब यहां फोटो गैलरी, संग्रहालय व बगीचा बनाने की योजना है। स्थानीय निवासियों को रोजगार मुहैया कराने की कोशिश भी की जा रही है। इसके लिए होम स्टे योजना लागू करने पर सहमति बन चुकी है। प्रयास किया जा रहा है कि मानसून में पर्यटकों को ये तमाम सुुविधाएं मिल सकें।

मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम सुविधा के साथ रोजगार देने का प्रयास कर रहा है। जननायक और क्रांतिकारी टंट्या भील के बलिदास दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पातालपानी के विकास की जो घोषणा की थी, वह मूर्त रूप लेने लगी है। यहां एक संग्रहालय, फोटो गैलरी, लैंडस्केपिंग, गजीबो, पार्किंग और सुविधाघर बनाने की योजना बनी, जिसमें से पार्किंग और दो गजीब तैयार भी हो चुके हैं। विकास कार्य पर चार करोड़ 52 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

हथियारों और तस्वीरों से सजेगी गैलरी – मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एनके स्वर्णकार के अनुसार मानसून तक यहां निर्माण कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां संग्रहालय और फोटो गैलरी बनाने के लिए अभिलेखागार और इतिहासकारों की मदद ली जाएगी। संग्रहालय में क्रांतिकारी टंट्या भील द्वारा उपयोग में लाए गए हथियार और उस दौर के अन्य हथियारों को प्रदर्शित किया जाएगा। फोटो प्रदर्शनी में भी उनके चित्र लगाए जाएंगे। उनसे जुड़ी जानकारी भी चस्पा की जाएगी। ये तमाम निर्माण कार्य करीब चार एकड़ में होगा। फिलहाल रिसोर्ट बनाने के लिए जगह तय नहीं की गई है, लेकिन उससे पहले यहां होम स्टे की सुविधा भी शुरू करने की योजना है। इंजीनियर डीएस परिहार के अनुसार यहां होने वाले निर्माण कार्य के लिए रेखांकन किया जा रहा है। यहां के इको सिस्टम के अनुरूप ही निर्माण कार्य होगा, ताकि वह आकर्षक और अनुकूल हो।

शुरू करेंगे होम स्टे योजना – पातालपानी में ग्रामीण पर्यटन बढ़ाने की बात पर भी विचार किया जा रहा है। यहां होम स्टे सुविधा के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएगा, जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जितने वक्त में यहां निर्माण कार्य होगा, उतने समय में होम स्टे योजना शुरू करने की कोशिश है। इससे ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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