इस तरह के अपराधी साधारण अपराधी नहीं हैं, वह चाहे कोई भी हो, छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे लोगों की जान भी जा सकती है। भय और आतंक का माहौल पैदा होता है। भगदड़ मचती है, अव्यवस्था होती है। मध्य प्रदेश में कानून का राज रहेगा। ज्ञात हो कि शहर में शराबबंदी अभियान की शुरुआत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने रविवार को राजधानी के आजाद नगर (भेल) क्षेत्र में शराब दुकान में पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ी थीं।
इस घटना पर सदन में कांग्रेस विधायकों ने सरकार को बार-बार घेरने की कोशिश की। विधायक जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा सहित अन्य विधायकों ने सरकार से जवाब मांगा, पर सत्ता पक्ष के विधायक शांत रहे। विधानसभा से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से इस संबंध में चर्चा की।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि जनता पहल कर रही है, तो सरकार को साथ देना चाहिए। कम से कम निषिद्ध एवं वर्जित स्थानों पर शराब की दुकान और अहाता शासन को तुरंत बंद कर देने चाहिए।
उन्होंने ट्वीट भी किया है। पत्र में कहा है कि दुकान बंद कराने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रही थीं। वहां स्थानीय महिलाएं मुझसे रोती मिलीं। उन्होंने बताया कि उनका घर की छतों पर निकलना दूभर हो गया है। शराबी छतों पर निकलने वाली महिलाओं को लज्जित करते हैं। मैं वापस मुड़ी और पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा। महिला के सम्मान की रक्षा में मैंने ऐसा किया।
उन्होंने लिखा कि जागरूकता अभियान तो शराबियों-नशेड़ियों की निजी जिंदगी बचाने के लिए है। मेरा मानना है कि शराब की दुकानें सरकार की सहमति से खुलती हैं, इसलिए शराबबंदी सरकार की ओर से और नशा-शराब मुक्ति के लिए समाज की ओर से पहल होनी चाहिए। उमा भारती ने कहा कि मैंने डेढ़ साल पहले शराबबंदी के संदर्भ में आपसे चर्चा की थी। आपने और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने सकारात्मक जवाब भी दिया।