उज्जैन। भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में आयकर दाताओं की अहम भूमिका है। आयकरदाताओं द्वारा आयकर का शासन को भुगतान नहीं अपितु राष्ट्र निर्माण में योगदान है। आयकर भुगतान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर हमें गर्व अनुभव करना चाहिए।
उक्त उद्गार वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय के कोऑर्डिनेटर डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल ने शासकीय कालिदास कन्या महाविद्यालय में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के अंतर्गत क्वालिटी लर्निंग प्रोग्राम में व्यक्त किये। आपने कहा कि विकसित देशों में सरकार के राजस्व में 40 से 45 पैसे आयकर का योगदान रहता है, वहीं भारत में मात्र 15 पैसे योगदान है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ महेश शर्मा ने करते हुए कहा कि भारत में वर्तमान में मात्र आठ करोड़ लोगों द्वारा आयकर का भुगतान किया जा रहा है जिसमें वृद्धि होने से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी।
सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वागत डॉ . चांदनी जायसवाल, डॉ. सीमा उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राओं ने उपस्थित होकर आयकर से संबंधित विभिन्न जिज्ञासाओं का विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया।
कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डॉ दिनेश सिंघल ने किया तथा आभार नरेंद्र प्रजापति ने व्यक्त किया।